श्री दुर्गा कवचम्/Shri Durga Kavacham
Shri Durga Kavacham (श्री दुर्गा कवचम्)
ईश्वर उवाच
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिदम् ।
पठित्वा पाठयित्वा च नरो मुच्येत सङ्कटात् ॥ १ ॥
उमा देवी शिरः पातु ललाटं शूलधारिणी ।
चक्षुषी खेचरी पातु वदनं सर्वधारिणी ॥ २ ॥
जिह्वां च चण्डिका देवी ग्रीवां सौभद्रिका तथा ।
अशोकवासिनी चेतो द्वौ बाहू वज्रधारिणी ॥ ३ ॥
हृदयं ललिता देवी उदरं सिंहवाहिनी ।
कटिं भगवती देवी द्वावूरू विन्ध्यवासिनी ॥ ४ ॥
महाबाला च जङ्घे द्वे पादौ भूतलवासिनी
एवं स्थिताऽसि देवि त्वं त्रैलोक्यरक्षणात्मिके ।
रक्ष मां सर्वगात्रेषु दुर्गे दॆवि नमोऽस्तु ते ॥ ५ ॥
Shri Durga Kavacham/श्री दुर्गा कवचम्
God speech
Shrinu Devi Pravakshyami Kavacham Sarvasiddhidam.
Pathitva pathyitva cha naro muchayet saktat
Uma Devi Shirah Patu Laltam Shooldharini.
Chaksushi Khechari Patu Vadanam Sarvadharini
The tongue is Chandika Devi Grivam Saubhadrika and.
Ashokvasini Cheto Dwau Bahu Vajradharini
Hridayam Lalita Devi Udaram Singhvahini.
Cut Bhagwati Devi Davuru Vindhyavasini.
Mahabala Cha Janghe Dwe Padau Bhootalwasini
And statusasi devi tvam trilokyarakshanatmike.
Raksha Maa Sarvagatrishu Durga Devi Namostu te Om
Shri Durga Kavacham/श्री दुर्गा कवचम् विशेषताऐ :
दुर्गा कवच के साथ-साथ यदि श्री दुर्गा यंत्र की पूजा की जाए तो, दुर्गा कवच का बहुत लाभ मिलता है, दुर्गा पूजा करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है, यह पूजा शीघ्र ही फल देने लग जाती है, किन्तु यह पूजा करने से पहले गणेश कवच का पाठ करना शुभ माना गया है| यदि साधक देवी दुर्गा की साधना करने की इच्छा रखते है, तो उन्हें दुर्गा मंत्र के अनुसार देवी दुर्गा की साधना करनी चाहियें और साथ ही दुर्गा माला से जाप करे| दुर्गा गुटिका को घर के मुख्य दरवाज़े पर बाधने से घर की सभी बुराइयों से रक्षा होती है|