Mulank Number 2 | मूलांक दों
Mulank Number 2 (मूलांक दों): The persons who are born on any of the 2, 11, 20, 29 dates, they have the Mulank Number 2 because sum of this digits is 2 when horizontally counted. The representative planet of this radix is moon. Planet moon itself is an emotional, soft and tender hence the person holding this Mulank Number 2 is tender polite and day dreamer.
Features of Mulank Number 2:
According to the characteristics of planet moon, the person holding this Mulank Number 2 have mercurial mind for which he neither can stick to a point for a long time nor they can work longer. He always tries for new projects and does accordingly with new ideas and thoughts.
Moon, being the cardinal of elements, the person having the feminine elements more. He is fortunate regarding women. Women believe him very easily. They also encourage in relationship. This person is proficient to take out the work from the women and expose the secrecy from them.
Mulank Number 2 is the indicator of completeness. This digit shows that whatever work this man performs is elegant and properly delivered.
This person physically may not be strong but mentally he is too strong. He takes more interest in intelligent work and by his wisdom he makes such a situation that his coming generations also becomes his debtor.
This man is too emotional. He undertakes others job and does it happily. He also tries to do good for others. He never says “NO” to anyone. Being kind hearted, he sacrifices many things for others welfare.
He has a great fascination on beauty (Mulank Number 2). The romance and beauty he understands better than anyone else. There is a typical attraction in his eyes which make a hypnotic effect on the people and they get attracted towards him. He has a mesmerizing quality by which he makes friends to the strangers easily. He also accepts his mistakes if done any, without any hesitation.
He is weak in taking decision. He is mostly in yea & nay while taking decisions. Time and again he changes his mind to take decisions. He mostly believes on others while taking decisions particularly friends. Naturally usually he is bullied by others in this regard. Any person can take the advantage of his softness and kind heartedness and get his work done. Although he understands that people are taking advantage of his simplicity but he says nothing to them.
For being more imaginative, a mental struggle always surrounds him (Mulank Number 2). Being impatient by character, he mostly takes wrong decisions and repents for not getting the work done perfectly. He continuously repiece, feel insulted and unhappy. Many a times he becomes sad for not performing correctly in time.
There is no dearth of friends in his life, but most of them are selfish in nature. Moreover he does not get any benefit from them. He gets hardly any real friend. He cannot stay alone in any circumstances. He always feels the need of a true friend. The so called friends take benefits from him but he gets nothing from them.
He has an inbuilt quality of reading others mind. He understands the message prior to deliver to him by a person. He has a passion of fine arts and sometimes he spends his time uselessly towards this passion. His wife usually a highly qualified and beautiful girl and he can be called a pride husband.
He likes to travel a lot. He loves to live in a coastal city or a place nearest to the river bank. These places are auspicious for him. He likes the job of travelling. He earns through tours and travel better.
Precautions of Mulank Number 2:
- The person of this Mulank Number 2 is usually sober, sensible, debonair and alert. He has very less self confidence hence he is nervous, having inferiority complex and sometimes he becomes panicky.
- This person should try to his best to see the end and not leave anything on the mid-way. Whatever is planned should be consistently taken care of.
- In the field of love and romance, he should be very much careful. Temerity can spoil the plan for which society may not accept him as a sober person.
- Impulsiveness should be avoided by him (Mulank Number 2). Whatever the situation may be, he should contemplate peacefully, he will find the way.
- He should refrain from making friends on and off and be careful from his sycophant friends.
- He should also avoid the association of women and intimacy with them should be stopped, if not done, can land to a problem. It may hamper his reputation and personality.
- He must avoid taking decisions on full moon days. Moreover he must not go deep into the water. For him full moon fortnight is favorable than no moon fortnight.
- Wobbling, dragging sandals and smiling while walking are not good for the personality of Mulank Number 2.
मूलांक दों | Mulank Number 2
मूलांक दों (Mulank Number 2): जिन व्यक्तियों का जन्म 2, 11, 20, 29 तारीख में से किसी एक तारीख में होता है, उनका जन्मांक या मूलांक दों होता है, क्योंकि इन सभी तारीखों का योग 2 बनता है। 2 जन्मांक का प्रतिनिधि ग्रह चन्द्र है। चन्द्र ग्रह जोकि भावुक, कोमल, कल्पनाप्रिय एवं मधुर है, फलस्वरूप इस ग्रह से सम्बंधित व्यक्ति भी सह्रदय, कल्पनाप्रिय एवं मधुरभाषी होता है।
मूलांक दो की विशेषताएँ:
“चन्द्रमा मनसो जातः” के अनुसार 2 मूलांक वाले व्यक्तियों का मन चंचल होता है, जिसके कारण ये अधिक समय तक एक ही विषय पर स्थिर नहीं रहते और न ही कार्य को लम्बे समय तक कर पाते है। इनके मन में नित्य नये नये विचार सूझते है और नयी-नयी कल्पनाएँ मन में जन्म लेती रहती है।
चन्द्र तत्व प्रधान होने के कारण इनके स्वभाव और व्यवहार में स्त्री तत्व की मात्रा विशेष रहती है। स्त्रियों के मामले में ये सौभाग्यशाली रहते है। स्त्रियाँ सहज ही इनका विश्वास कर लेंगी तथा उनसे परिचय भी जल्दी बढ़ा लेंगी। स्त्रियों से काम निकालने और उनसे राज उगलवाने में भी ये सिद्धहस्त होते हैं।
मूलांक 2 अंक (Mulank Number 2) पूर्णता का घोतक है। यह अंक इस बात को दर्शाता है कि ये व्यक्ति जीवन में जो कार्य करे वह सुरुचिपूर्ण हो, सलीकेदार हो तथा अपने में पूर्ण व्यवस्थित हो।
मूलांक दो के सम्बन्धित व्यक्ति यद्दपि शारीरिक रूप से अधिक प्रबल एवं पुष्ट नहीं होते, परन्तु मानसिक रूप से ये स्वस्थ और सबल होते हैं। श्रम की अपेक्षा मानसिक कार्यों में इनकी रूचि विशेष होती है तथा ये अपनी बुद्धि से कुछ ऐसा कार्य कर जाते हैं जिससे आने वाली पीढ़ियां इनकी ऋणी बनी रहती हैं।
यह व्यक्ति अत्यंत भावुक होते हैं। दूसरों के कार्य को प्रसन्नता पूर्वक करते हैं और उनके हित-सम्पादन में बराबर सचेत रहते हैं। ‘न’ कहना इनके वश की बात नहीं। स्वभाव से दयालु होने के कारण ये दूसरों की भलाई में अपने-आपको खपा देने में विश्वास रखते हैं।
सौन्दर्य के प्रति इनकी रूचि अधिक होती है। प्रेम और सौन्दर्य को जितनी बारीकी से ये समझ पाते हैं, उतने अन्य लोग नहीं। इनकी आँखों में कुछ ऐसा आकर्षण होता है, कि सामने वाला बरबस इनकी ओर आकर्षित हो जाता है। सम्मोहन करने की कला इनमें अद्भुत होती है। ये अपरिचित से अपरिचित व्यक्ति को भी चुटकियों में अपना मित्र बना लेते हैं। इस प्रकार के व्यक्तियों में सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि अपनी गलती स्वीकार करने में ये एक क्षण भी हिचकिचाते नहीं।
स्वतन्त्र निर्णय लेने में ये कमजोर होते हैं। किसी भी कार्य को करने या न करने के निर्णय को लेकर ये काफी समय तक उधेड़बुन में बने रहते हैं। क्षण-क्षण में इनके विचारों में परिवर्तन आता रहता है और मित्र जैसे राय देते हैं उसी के अनुरूप अपना निर्णय कर लेते हैं। इसका कारण यह भी है कि ये भावुक एवं कोमल हृदय होने के कारण तुरंत निर्णय नहीं ले पाते और दूसरों के विश्वास पर ये कई बार ठगे भी जाते हैं। मीठे बोलकर या इनकी चापलूसी कर कोई भी इनसे अपना काम निकलवा सकता है। यद्दपि ये मन ही मन समझते हैं कि सामने वाला व्यक्ति मुझे मूर्ख बना रहा है फिर भी ये मूर्ख बने रहते हैं और उसे कुछ भी नहीं कहते।
अधिक कल्पनाशील होने के कारण ये भावुक होते हैं तथा एक प्रकार से इनके जीवन में बराबर मानसिक संघर्ष बना रहता है। अधैर्य के कारण कई बार ये गलत निर्णय ले लेते हैं और फिर मन के अनुरूप कार्य न होने के कारण मन ही मन पछताते रहते हैं, झुझलाते रहते हैं और जीवन में अपने आपको अत्यंत दुखी तथा अपमानित अनुभव करते रहते हैं। कई बार समय पर कार्य न होने की वजह से ये गमगीन भी बने रहते हैं।
इनके जीवन में मित्रों की कमी नहीं होती, परन्तु इनके अधिकांश मित्र स्वार्थी ही होते हैं और मित्रों से इनको कोई विशेष लाभ नहीं मिलता। वास्तविक मित्र इनके जीवन में नहीं के बराबर होते हैं। एकान्त में या अकेले में ये नहीं रह सकते। सच्चे मित्रों का अभाव इन्हें बराबर खटकता रहता है। मित्र इनसे लाभ उठाते रहते हैं परन्तु इनको मित्रों से कोई विशेष लाभ नहीं मिलता।
दूसरों के हृदय की बात जान लेने का इनमें सहज गुण होता है। सामने वाला व्यक्ति क्या कहना चाहता है, यह इनकी समझ में जल्दी ही आ जाता है। कला अध्ययन में इनकी विशेष रूचि होती है। कई बार इस शौक के कारण इनका काफी समय व्यर्थ ही हो जाता है।
वैवाहिक जीवन में इनकी पत्नी/पति सुंदर, सुशील एवं शिक्षित मिलती/मिलता है, फिर भी देखा गया है कि पति पत्नी में कई बराबर वैचारिक मतभेद बना रहता है जिससे कि इनका गृहस्थ जीवन सामान्य स्तर का ही रहेगा। कुल मिलाकर इस प्रकार के व्यक्ति भावुक, सहृदय, परोपकारी तथा मस्तिष्क-प्रधान होते हैं।
दूसरों के हृदय की बात जान लेने का आप में सहज गुण है। सामने वाला व्यक्ति कहे या न कहे, आप तुरन्त ही उसके मन तक पहुँच कर उसकी थाह ले सकते है। कलाओं में रूचि रखने के कारण आपका काफी समय, शक्ति और श्रम व्यर्थ ही जायेगा। आप पत्नी प्रति विश्वासी रहेंगे तथा सुन्दर एवं शिक्षित पत्नी के पति कहलाने का गौरव प्राप्त करेंगे।
यात्रा करना इनको ज्यादा पसंद होता है। नदी, समुद्र या जलतटीय नगरों में यह व्यक्ति रहना पसंद करते है। ऐसे स्थानों पर इनका भाग्योदय भी होता है। इन्हें कार्य भी ऐसे पसंद होते है, जिनमें यात्राएं करनी पड़े, यात्रा से इनको अच्छा लाभ भी होता है।
मूलांक दों की सावधानियाँ:
- मूलांक दों (Mulank Number 2) के व्यक्ति सभ्य, समझदार, सुशिल एवं सतर्क व्यक्तित्व सम्पन्न होते है। इनमें आत्मविश्वास की कमी होती है,कई बार जरा-जरा सी बात पर घबरा जाना या हीन भाव से ग्रस्त होना इनके लिए शोभा नहीं देता।
- इनको चाहिए कि ये जो भी कार्य प्रारंभ करें, उसे पूरा करने का प्रयत्न करें, काम को बीच में ही अधूरा छोड़ देना इनके व्यक्तित्व के अनुरूप नहीं। जो भी विचार बनायें, उस पर दृढ़ता से सोच समझ कर बनाये।
- प्रेम के मामलो में संभल-संभल कर पैर उठायें, क्योंकि उतावलापन इनका सब किया कराया बिगाड़ देता हैं। जिसके कारण ये समाज में बदनाम भी हो सकते हैं।
- जल्दबाजी से इनको काम नहीं लेना चाहिए। कैसा भी संकट आ जाय फिर भी इनको स्थिर चित से उस पर मनन करना चाहिए, फिर यह स्वयं देखेंगे कि कोई राह निकल रही है।
- ये अपने फालतू और चापलूस मित्रों से दूर रहे और न ही उनकी संख्या बढायें ये इनके लिए अच्छा नहीं है।
- स्त्रियों में न तो अधिक ये बैठे और न ही घनिष्ठता ही बढायें, क्योंकि इससे इनके व्यक्तित्व में न्यूनता ही आती है जोकि श्रेष्ठ नहीं है।
- पूर्णिमा के दिन इनको कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए और न गहरे जल में जाना चाहिए। इनके लिए कृष्ण पक्ष की अपेक्षा शुक्ल पक्ष अधिक अनुकूल होता है।
- ठुमक कर चलना, चप्पल घसीटते हुए चलना या हल्की मुस्कुराहट बिखेरते हुए बातें करना मूलांक दों (Mulank Number 2) वाले व्यक्तित्व के लिये ठीक नहीं है।