Kaalratri Devi Stotram, माँ कालरात्रि देवी स्तोत्र

माँ कालरात्रि देवी स्तोत्र/Kaalratri Devi Stotram

Kaalratri Devi Stotram(माँ कालरात्रि देवी स्तोत्र)

करालवदनां घोरांमुक्तकेशींचतुर्भुताम्। कालरात्रिंकरालिंकादिव्यांविद्युत्मालाविभूषिताम्॥

दिव्य लौहवज्रखड्ग वामाघो‌र्ध्वकराम्बुजाम्। अभयंवरदांचैवदक्षिणोध्र्वाघ:पाणिकाम्॥

महामेघप्रभांश्यामांतथा चैपगर्दभारूढां। घोरदंष्टाकारालास्यांपीनोन्नतपयोधराम्॥

सुख प्रसन्न वदनास्मेरानसरोरूहाम्। एवं संचियन्तयेत्कालरात्रिंसर्वकामसमृद्धिधदाम्॥

!! स्तोत्र !!

हीं कालरात्रि श्रींकराली चक्लींकल्याणी कलावती। कालमाताकलिदर्पध्नीकमदींशकृपन्विता॥

कामबीजजपान्दाकमबीजस्वरूपिणी। कुमतिघन्ीकुलीनार्तिनशिनीकुल कामिनी॥

क्लींहीं श्रींमंत्रवर्णेनकालकण्टकघातिनी। कृपामयीकृपाधाराकृपापाराकृपागमा॥

Kaalratri Devi Stotram/माँ कालरात्रि देवी स्तोत्र

Karalvadanam ghoramuktkeshichturbhutam.

Kalratrinkaralinkadivyamvidyutmalavibhushitam॥

Divya Lohavajrakhadga Vamaghordhvakarambujam.

Abhyanvardanchaivadakshinodhrvagh:panikam

Mahameghprabhashyamantha and Chapgardbharudhana.

Ghordishtakaralasyampinonnatpayodharam॥

Happiness and joy.

And sanchiantayetkalratriinsarvakaamsamriddhadam॥

, hymn!!

This is Kaalratri Shrinkrali Chaklikanlyani Kalavati.

Kalamatakalidarpadhnikamdinshakripanvita॥

KambeejjapandaKambeejswarupini.

Kumtighnikulinartinshinikul Kamini॥

Clearly Srimantravarnenkalakantakghatini.

KripamayeeKrupadharaKripaparaKripagama

Kaalratri Devi Stotram/माँ कालरात्रि देवी स्तोत्र विशेषताए:

माँ कालरात्रि देवी स्तोत्र के साथ-साथ यदि काल्रत्री देवी कवच  का पाठ किया जाए तो, इस स्तोत्र का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तोत्र  का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तोत्र का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तोत्र का पाठ करे|

इस स्तोत्र के पाठ के साथ साथ रात्री सुक्तम का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही देवी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस माँ कालरात्रि देवी स्तोत्र पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|