कालरात्रि देवी कवच/Kaalratri Devi Kavach
Kaalratri Devi Kavach (कालरात्रि देवी कवच)
।। कवच ।।
ॐ क्लींमें हदयं पातु पादौ श्रींकालरात्रि।
ललाटे सततं पातु दुष्टग्रह निवारिणी॥
रसनां पातु कौमारी भैरवी चक्षुणोर्मम
कहौ पृष्ठे महेशानी कर्णो शंकर भामिनी।
वíजतानितुस्थानाभियानिचकवचेनहि।
तानिसर्वाणिमें देवी सततंपातुस्तम्भिनी॥
Kaalratri Devi Kavach/कालरात्रि देवी कवच विशेषताऐ:
नवरात्र के सातवें दिन दुर्गा जी के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है कालरात्रि देवी कवच के साथ-साथ यदि दुर्गा कवच का पाठ किया जाए तो, इस कवच का बहुत लाभ मिलता है, यह कवच शीघ्र ही फल देने लग जाते है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस कवच का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| कालरात्रि देवी कवच के पाठ के साथ साथ दुर्गा चालीसा और दुर्गा स्तुति का भी पाठ करे साथ ही दुर्गा गुटिका और दुर्गा कवच धारण करे और दुर्गा माला माला से जाप करे | ऐसा करने से मनोवांछित कामना भी शीघ्र पूर्ण होने लगती है|
नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है| और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही देवी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|