Mantra Rahasya Book/मन्त्र रहस्य पुस्तक : The Tantra- which is not only the Panchamkar is not necessarily the mechanism of aggression, the instrument in which it is not necessary to adopt saffron cloth… and the instrument in which it is not the only option for adultery.Tantra is not the escape from the life, it collects all the energies and becomes mobile, and irrespective of the matter is of less energy. Therefore Tantra is considered most useful for the person living in the material world. Because only Tantra can bring those penance by which a person can enjoy the charm of the life. –Mantra Rahasya Book.
Since only two letter make the accomplishment complete, the wholeness of the same which gives to a person salvation even he is in a materialistic life. Tantra is a system, it is a pattern to live the life in a clean way, it makes the life disciplined and makes the life with full of weal and peace. In administration, Tantra is considered as democratic. -Mantra Rahasya Book.
मन्त्र रहस्य पुस्तक/Mantra Rahasya Book:
मन्त्र की अपने आप में पूर्ण और स्वतंत्र सत्ता है। जीवन के पार्थिव अपार्थिव चेतन अचेतन, निष्क्रिय और सक्रिय जीवन में मन्त्र की सर्वोपरि महत्वता है। बिना मन्त्र के जीवन का अस्तित्व सम्भव ही नहीं। वेदों में मन्त्र को सर्वोच्च सत्ता एवं उन्हें ब्रह्म के समान माना है। हमारे जीवन में जो कुछ भी घटित हो रहा है इसके मूल में मन्त्र की सत्ता विद्यमान है। यह बात अलग है कि हम उनके अस्तित्व को स्वीकार करें या न करें अथवा मन्त्र के महत्व को समझें या न समझें, परन्तु यह निश्चित है कि बिना मन्त्र के हमारे जीवन का कोई अस्तित्व नहीं। मानव जो कुछ बोलता है वह अपने आप में शब्द है और जब शब्द का सम्बन्ध अर्थ से हो जाता है तो वह कल्याणमय बन जाता है। वे शब्द निरर्थक होते है जिनके मूल में अर्थ विद्यमान नहीं रहता। कालिदास ने ‘वागर्थाविव’ कह कर इसी कथन की पुष्टि की है, परन्तु जिसके मूल में अर्थ है वे शब्द ही सार्थक है। ऐसा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि जब शब्द को ब्रह्म कह दिया जाता है तब फिर प्रत्येक शब्द ब्रह्मय बन जाता है। हम लौकिक व्यक्ति जिन शब्दों के अर्थ समझ लेते है उन्हें सार्थक कहते है पर जिन शब्दों को हम नहीं समझ पाते वे वास्तव में ही इतने उच्च कोटि के होते है कि हमारी बुद्धि उन शब्दों के मूल तक नहीं पहुँच पाती और इसी लिए हम अपने अहं के वशीभूत होकर उन शब्दों को निष्क्रिय कह देते है। -Mantra Rahasya Book.
Mantra Rahasya Book About Author:
The world famous Dr. Narayan Dutt Shrimali was an exponent spiritual Guru of this era. He implied the lost spiritual science into a modern way, which was a true cultural heritage of India particularly on subjects such as Mantra, Tantra, Palmistry, Astrology, Ayurveda, Hypnotism, Kriya Yoga, Solar Science, and Alchemy to the easy reach of common people. He introduced the significance of Tantra in beautification of one’s life and in shaping a healthy, constructive society- Mantra Rahasya Book.
Mantra Rahasya Details:
Book Publisher: Pustak Mahal
Book Author: Dr. Narayan Dutt Shrimali
Language: Hindi
Weight: 392 gm Approx.
Pages: 380 Pages
Size: “22” x “14” x “2” cm
Edition: 2016
Shipping: Within 4-5 Days in Indiav
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