Mahakali Stotra, महाकाली स्तोत्र

Mahakali Stotra | महाकाली स्तोत्र

Mahakali Stotra (महाकाली स्तोत्र): What is so frightening about the nature of Mother Kalika is so much more pleasant and pleasing to the devotees. Usually, the worship of Mother Kali is done by the ascetic and the Tantric. It is believed that the mother Kali gives salvation encroaching the time. Being impulsive, he fulfills all the wishes of his devotee.

According to Tantric and astrologers, some mantras of Kali are such that a common person can use to overcome his problems in his everyday life. Whatever the seeker of daily Mahakali Stotra, enjoying the daily routine of enjoyment and salvation, giving power to the charmer, destroying the sins of many (sins), the enemy is the most wonderful song to win. Making a daily chant of Mahakali Stotra gets generated inside the seeker! Inspiring energy comes in it! Mahakali Stotra is very dear to Kali.

Maa Kali is one of the fierce forms of goddess Durga, the consort of Lord Shiva, the destroyer in the Hindu Trinity. The typical image of Maa Kali has a protruded tongue and a garland of skulls carrying deadly weapons creating terror in the wicked and evil people. However, Kali is so benign and merciful to her devotees and she protects them from all harm bestowing prosperity and success.

Mahakali Stotra Benefits:

  • Goddess Kali is empowered with destructive powers.
  • In fact, the name Kali is derived from the root word ‘Kala’ or time. So, Kali represents Time, Change, Preservation, Creation, Destruction, and Power.
  • She is considered the “black one” and the ferocious form of Durga, who is the consort of Lord Shiva.
  • Goddess Kali is the destructor of evil forces.
  • She bestows moksha or liberation.
  • She is the compassionate mother who protects her devotees from evil forces.
  • According to the Hindu Religion, Maa Kali is the destructive force of Goddess Durga who ends all kinds of evils in our lives.
  • She is also known as Shakti who always protects us from evils and creates a safeguard around our lives.
  • Goddess Kali is easy to please and is often worshiped to achieve special “Siddhi” or powers.
  • Kali is regarded as the first Maha-Vidya in the “Das” (Ten) Maha-Vidya of Hindu Tantric tradition.
  • Kali is portrayed in the dancing form where we can see Lord Shiva lying calm and prostrate behind her.

 महाकाली स्तोत्र | Mahakali Stotra

काली नाम मूल शब्द काल यानि समय से लिया गया है, तो, काली समय, परिवर्तन, संरक्षण, सृजन, विनाश और शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है। भक्तों के लिए माता कालिका का स्वरूप जितना डरावना और भयानक है, उससें कहीं ज्यदा  अधिक सुखद और आनंददायक भी है। अधिकाश देखा गया है की, मां काली की पूजा साधु और तांत्रिक ही करते हैं, पैर ऐसा नही है, मां काली की पूजा बहुत से लोग अपने दैनिक जीवन में पूजा आराधना करते है, माँ कालिक बहुत ही शांत, भय मुक्त ओर काल पर विजय प्राप्त कर मोक्ष प्रदान प्रदान करने वाली है।

रुद्रयामल तंत्र अनुसार काली के कुछ मंत्र ऐसे हैं, जिनका प्रयोग आम व्यक्ति अपने रोजमर्रा के जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए कर सकता है। यह यह मन्त्र बहुत ही लाभदायक माने गये है

महाकाली स्तोत्र, माँ काली को अत्यंत प्रिय है। जो साधक इस स्तोत्र का पाठ करता है, उसको भोग और मोक्ष दोनों ही इस जीवन में प्राप्त होते है। इसके पाठ से कई पापों का नाश होता है, शत्रु पर विजय प्राप्त होती है, हर प्रकार के तंत्र दोष से रक्षा होती है।

माँ महाकाली, दुर्गा के उग्र रूप की तीसरी शक्ति है, जो विध्वंसक, भगवान शिव महाकाल की पत्नी हैं। माँ काली की विशिष्ट छवि में एक उभरी हुई जीभ और खोपड़ी की एक माला है, जिसमें सीधे हाथ में तलवार हैं, जो दुष्ट शत्रु पर विजय और तंत्र रक्षा का स्वरूप है।

महाकाली स्तोत्र के लाभ:

  • महाकाली स्तोत्र से सभी नवग्रह का दोष, कालसर्प दोष, पितृ दोष, दरिद्र दोष, मांगलिक दोष आदि समाप्त हो जाता है।
  • महाकाली स्तोत्र से भूत-प्रेत आदि बाधाओं से मुक्ति मिलती है, नकारात्मक शक्तियां दूर होती है।
  • काल पर विजय प्राप्त करने के लिए संसार में इससें बड़ा कोई स्तोत्र नही है।
  • महाकाली स्तोत्र से मनुष्य की सभी मनोकामना सिद्ध होती है।
  • नि:सन्तान को सन्तान प्राप्ति के द्वार खुल जाते है।
  • महाकाली स्तोत्र के पाठ से सरकारी कामो में सफलता प्राप्त होती है।
  • किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं होता, सभी प्रकार के उपद्रव शांत हो जाते है।
  • नित्य महाकाली स्तोत्र के पाठ से शत्रु के द्वारा किये हुए मारण, मोहन, उच्चाटन आदि तंत्र दोष नष्ट होते है।
  • ईडी, सीबीआई, सीईडी जैसे यदि बुरे केस लग जाते तो, अवश्य ही महाकाली स्तोत्र का पाठ करें।
  • इस स्तोत्र के निरंतर पाठ से संक्रामक रोग (बर्डफ्लू, सॉर्स, स्वाइनफ्लू, करोनावायरस आदि) से रक्षा होती है।
  • महाकाली स्तोत्र से कैंसर, एड्स, हृदय रोग, त्वचा रोग आदि जैसे असाध्य रोग शांत होते है।
  • अधिक लाभ के लिए महाकाली गुटिका धारण करकें, महाकाली स्तोत्र का पाठ करना चाहियें।

Mahakali Stotra | महाकाली स्तोत्र

अनादिं सुरादिं मखादिं भवादिं, स्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः ।।1।।
जगन्मोहिनीयं तु वाग्वादिनीयं, सुहृदपोषिणी शत्रुसंहारणीयं |

वचस्तम्भनीयं किमुच्चाटनीयं, स्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः ।।2।।
इयं स्वर्गदात्री पुनः कल्पवल्ली, मनोजास्तु कामान्यथार्थ प्रकुर्यात |

तथा ते कृतार्था भवन्तीति नित्यं, स्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः ।।3।।
सुरापानमत्ता सुभक्तानुरक्ता, लसत्पूतचित्ते सदाविर्भवस्ते |

जपध्यान पुजासुधाधौतपंका, स्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः ।।4।।
चिदानन्दकन्द हसन्मन्दमन्द, शरच्चन्द्र कोटिप्रभापुन्ज बिम्बं |

मुनिनां कवीनां हृदि द्योतयन्तं, स्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः ।।5।।
महामेघकाली सुरक्तापि शुभ्रा, कदाचिद्विचित्रा कृतिर्योगमाया |

न बाला न वृद्धा न कामातुरापि, स्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः ।। 6।।
क्षमास्वापराधं महागुप्तभावं, मय लोकमध्ये प्रकाशीकृतंयत् |

तवध्यान पूतेन चापल्यभावात्, स्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः ।। 7।।
यदि ध्यान युक्तं पठेद्यो मनुष्य, स्तदा सर्वलोके विशालो भवेच्च |

गृहे चाष्ट सिद्धिर्मृते चापि मुक्ति, स्वरूपं त्वदीयं न विन्दन्ति देवाः ।।8।।

।। इति महाकाली स्तोत्रम् ।।

महाकाली स्तोत्र हिन्दी | Mahakali Stotra Hindi Lyrics Video

Mahakali Stotra | महाकाली स्तोत्र की विशेषताऐ:

Mahakali Stotra (महाकाली स्तोत्र) माँ काली को अत्यंत प्रिय है, यह तंत्रोक्त स्तोत्र है। जो साधक इस स्तोत्र नित्य पाठ करता है, उसको महाकाली के दर्शन होते है। इसके पाठ से कई पापों का नाश होता है, शत्रु पर विजय प्राप्त होती है, हर प्रकार के तंत्र दोष से रक्षा होती है। इस स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करे और परिणाम स्वयं देखे कितना प्रभावशाली है। महाकाली स्तोत्र के साथ-साथ यदि भैरव चालीसा स्तोत्र का पाठ किया जाए तो, इस कवच का बहुत लाभ मिलता है, यदि साधक इस कवच के पाठ के साथ-साथ महाकाली गुटिका धारण करता है, तो उसकी मनोवांछित कामना पूर्ण होती है, सभी रोग भी दूर होते है।