Srivenkatesa Dwadasa Nama Stotram, श्रीवेंकटेश द्वादश नाम स्तोत्रम्

श्रीवेंकटेश द्वादश नाम स्तोत्रम्/Srivenkatesa Dwadasa Nama Stotram

श्रीवेंकटेश द्वादश नाम स्तोत्रम्/Srivenkatesa Dwadasa Nama Stotram

वेङ्कटेशो वासुदेवः वारिजासनवन्दितः,

स्वामिपुष्करणीवासः शङ्खचक्रगदाधरः ॥ १ ॥

पीतांबरधरो देवः गरुडारूढशोभितः,

विश्वात्मा विश्वलोकेशः विजयो वेङ्कटेश्वरः ॥ २ ॥

एतत् द्वादश नामानि त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः,

सर्वपापविनिर्मुक्तो विष्णोस्सायुज्यमाप्नुयात् ॥ ३ ॥

Srivenkatesa Dwadasa Nama Stotram/श्रीवेंकटेश द्वादश नाम स्तोत्रम्

Venkateso, Vasudeva, varijasana vandhita,
Swami Pushkarani vasa, Shanka chakra Gadha dhara

peethambaradhao deva, Garudarooda shobhitha,
Viswathma, Viswalokesa Vijayo Venkateswara

Yethath dwadasa naamani trisandhyam ya paden nara,
Sarva papa nirmuktho Vishno sayujyamapnuyath.

श्रीवेंकटेश द्वादश नाम स्तोत्रम्/ Srivenkatesa Dwadasa Nama Stotram विशेषताए:

श्रीवेंकटेश द्वादश नाम स्तोत्रम् के साथ-साथ यदि वेंकटेश अष्टकम  का पाठ किया जाए तो, इस स्तोत्र का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तोत्र  का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तोत्र का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तोत्र का पाठ करे|

इस स्तोत्रम् के पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही श्री वेंकटेश जी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस इस स्तोत्रम् पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|