Shri Parshuram Stotram, श्री परशुराम स्तोत्र

श्री परशुराम स्तोत्र
Shri Parshuram Stotram

श्री परशुराम स्तोत्र (Shri Parshuram Stotram)

कराभ्यां परशुं चापं दधानं रेणुकात्मजं ।
जामदग्न्यं भजे रामं भार्गवं क्षत्रियान्तकं ॥१॥

नमामि भार्गवं रामं रेणुका चित्तनन्दनं ।
मोचितंबार्तिमुत्पातनाशनं क्षत्रनाशनम् ॥२॥

भयार्तस्वजनत्राणतत्परं धर्मतत्परम् ।
गतगर्वप्रियं शूरं जमदग्निसुतं मतम् ॥३॥

वशीकृतमहादेवं दृप्त भूप कुलान्तकम् ।
तेजस्विनं कार्तवीर्यनाशनं भवनाशनम् ॥४॥

परशुं दक्षिणे हस्ते वामे च दधतं धनुः ।
रम्यं भृगुकुलोत्तंसं घनश्यामं मनोहरम् ॥५॥

शुद्धं बुद्धं महाप्रज्ञापण्डितं रणपण्डितं ।
रामं श्रीदत्तकरुणाभाजनं विप्ररंजनम् ॥६॥

मार्गणाशोषिताभ्ध्यंशं पावनं चिरजीवनम् ।
य एतानि जपेन्द्रामनामानि स कृति भवेत् ॥७॥

॥ इति श्री परशुराम स्तोत्र संपूर्णम् ॥

Shri Parshuram Stotram
श्री परशुराम स्तोत्र 

Karabhya Parashum Chapam Dadhanam Renukatamajan.
Jamadagnyam Bhaje Ramam Bhargavan Kshatriyantakan .1.

Namaami Bhargavan Ram Renuka Chittanandanam.
Mochitambartimutapatnashanam Kshatranashanam .2.

Bharatasvajanatranatparam Dharmatatparam.
Gatagarvapriyam Shuram Jamadagnisutam Matam .3.

Vashikrut Mahadevam Drapt Bhup Kulantakam.
Tejasvinam Kartaviryanam Bhavanashanam .4.

Parashum Dakshine Haste Vaame Ch Dadhatam Dhanuh..
Ramyam Bhrugakulottamsam Ghanshyam Manoharam .5.

Shuddham Buddham Mahapragnyapanditam Ranaapanditam.
Ram Shridattakarunabhajanam Viprarnjanam .6.

Marganshoshitabhadhyamasham Pavanam Chirajivanam.
Yamanan Japendramanamanani Sa Ichatret .7.,

Iti Shri Parashuram Stotra Sampurnam ॥

श्री परशुराम स्तोत्र विशेषताए:

श्री परशुराम स्तोत्र के साथ-साथ यदि श्री परशुराम अष्टकम का पाठ किया जाए तो, इस स्तोत्र का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाते है। यदि साधक इस स्तोत्र  का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तोत्र का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है। यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तोत्र का पाठ करे।