Maa Shodashi Tripura Sundari Stuti
माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी स्तुति
माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी स्तुति हिंदी पाठ
Maa Shodashi Tripura Sundari Stuti in Hindi
पंचप्रेत महाशव सिंहासन, उस पर खिले कमल दल ।
लाल रंग की दीप्तिमान, चतुरहस्ता त्रिलोचना ।
मस्तक पर राजे चंद्रमा, रत्न आभूषण धारिणी ।
बाला, त्रिपुरसुन्दरी, ललिता, माँ षोडशी…
हाथों से देती अभय मुद्रा, वर मुद्रा, धारण किये पुस्तक और अक्षमाला ।
पाश, अंकुश, वाण ,धनुष, धारण करनेवाली माँ ललिता ।
योग-भोग एक साथ दिलानेवाली ।
कामेश्वरी, वज्रेशवरी, भग़ मालिनी, ललिताम्बिका ।
माँ षोडशी…
बरबस आकर्षित करनेवाली, हर काम को पूरा करनेवाली ।
सदा नमन करते हैं उनका, सर्व उपास्या, तुरीया, माँ षोडशी…
।। इति माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी स्तुति सम्पूर्णम् ।।
Maa Shodashi Tripura Sundari Stuti Lyrics
माँ षोडशी त्रिपुर सुन्दरी स्तुति पाठ
panchapret mahashav sinhasan, us par khile kamal dal ।
lal rang ki diptiman, chaturahasta trilochana ।
mastak par raje chandrama, ratn aabhushan dharini ।
bala, tripurasundari, lalita, maa shodashi…
haathom se deti abhaya mudra, var mudra, dharan kiye pustak aura akshamala ।
pash, ankush, van ,dhanush, dharan karnevali maan lalita ।
yog-bhog eka sath dilanevali, kameshvari, vajreshavari, bhage malini, lalitambika ।
maa shodashi…
barbus akarshit karnevali, har kam ko pura karnevali ।
sada naman karate han unaka, sarva upasya, turiya, maa shodashi…
।। iti maa shodashi tripura sundari stuti sampurnam ।।
षोडशी त्रिपुर सुन्दरी स्तुति विशेषताए:
षोडशी त्रिपुर सुन्दरी स्तुति के साथ-साथ यदि षोडशी माला से जाप किया जाए तो, इस स्तुति का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तुति शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तुति का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तुति का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तुति का पाठ करे|
षोडशी त्रिपुर सुन्दरी स्तुति के पाठ के साथ साथ षोडशी गुटिका या षोडशी कवच धारण की जाये तो मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही त्रिपुरा देवी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस षोडशी त्रिपुर सुन्दरी स्तुति पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|