Shailputri Devi Kavach, शैलपुत्री देवी कवच

शैलपुत्री देवी कवच/Shailputri Devi Kavach

Shailputri Devi Kavach (शैलपुत्री देवी कवच)

ओमकार:में शिर: पातुमूलाधार निवासिनी।

हींकार,पातुललाटेबीजरूपामहेश्वरी॥

श्रीकार:पातुवदनेलज्जारूपामहेश्वरी।

हूंकार:पातुहृदयेतारिणी शक्ति स्वघृत॥

फट्कार:पातुसर्वागेसर्व सिद्धि फलप्रदा।

Shailputri Devi Kavach/शैलपुत्री देवी कवच

Omkar: Main head: Patumuladhar resident.

Hinkar, Patulalatebeejroopmaheshwari.

Srikar: Patuvadanelajjarupamaheshwari.

Hoonkar: Patuhridayataarini Shakti Swaghrit.

Reprimand: Patusarvagesarva siddhi fruitful.

Shailputri Devi Kavach/शैलपुत्री देवी कवच विशेषताऐ :

नवरात्रि का  पहला दिन मां नव दुर्गा के शैलपुत्री स्वरुप को समर्पित माना जाता  है| शैलपुत्री देवी कवच के साथ-साथ यदि दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ किया जाए तो, इस कवच का बहुत लाभ मिलता है, यह कवच शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस कवच का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस कवच का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस कवच का पाठ करे|

शैलपुत्री देवी कवच के पाठ के साथ साथ दुर्गा चालीसा और दुर्गा स्तुति का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और दुर्गा माला से जाप नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही देवी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस शैलपुत्री देवी कवच पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|