Veer Betal Gutika (वीर बेताल गुटिका) : Betal is the part of Lord Shiva, Betal name is taken prominently in Shiva’s Ganas. Due to its divine powers, since ancient times it has been the tradition to hold Lord Shiva’s distinctive Gan Betal Gutika. Once, King Daksh organizes a huge Yajna. In that event, Lord Shiva was not given due respect, for this reason his wife Sati, who was the daughter of King Daksh, became distressed and jumped into Yajna Kund and gave up her life. For this reason Lord Shiva got very angry, out of his anger, three lokas began to tremble, the leaves fell off the trees, the lightning started flashing around and storm waved into the ocean.
In the passion of the same anger, Lord Shiva broke a cloak of his jata and made it sacrifice in the yajna of Daksha; As a result, the creation of an extremely stunning, mighty, and courageous hero held, which was addressed as ‘Betal’. The discovery of this Betal Gutika was first invented by the seekers of Astro-Mantra and Pran Pratistha was performs by reputes sages in a systematic method.
Veer Betal Gutika Benefits:
- Even after wearing this gutika, there is no difference in the life of the seeker, but in him there is courage and there is brightness on the face, consequently he can overcome his own shortcomings, sufferings and obstacles in life itself. In today’s era, the practice of Betal has become very important.
- On wearing Veer Betal Gutika, the seeker becomes invincible, courageous, industrious and alone can work like a thousand men.
Veer Betal Gutika Sanctified:
This Veer Betal Gutika sold by us are duly sanctified and energized by the expert Pundits and Sages of astromantra.com for immediate retention and ready to wear.
Veer Betal Gutika Holding Method:
After bathing on Sunday morning, go to Shiva temple and get the permission from Lord Shiva and worship Shiva and offer a coconut and banana. After the days work in the evening sit at ten o’clock at your seat. Asana should be black and wearing a black dhoti. Can take blankets for easy. Put a black cloth on a bajot and on it put a steel plate in which write the spell ksham Beej Mantra. Paint with vermilion and apply a little bit of unbridled rice on it and install the gutika on it.
Put a little pulse of black gram in a corner and put a lamp on it, in the name of Bhairav ji and worship that lamp with vermilion and jaggery. Offer red flowers. Then remember Guru and Ganesh and worship Veer Betal Gutika. You should face the south direction and then chant 21 rosary mantras with the Black Hakik Mala and sleep there itself and perform in this way for 21 days. If there is any sound or you feel like someone is distracting you then do not pay attention. Remembering Sadhguru, the disturbance will calm down gradually.
You must not scare away nor leave the room. He will try hard to lift you from sadhana, if you look at the picture of Guru ji, then the problem will calm down. There can be many experiences in it. After 21 days, immerse the materials and garland in the Shiva temple or any river, in black cloth, which you have spread on the bajot. Bind the Veer Betal Gutika around your neck. Do not tell your experience to anyone until you complete spiritual practice. Your ears can also hear some types of sound, understand it because it can also be a lottery number.
Mantra:
।। Om namo veer betal aakasmik dhan siddhi dehi dehi namah ।।
वीर बेताल गुटिका : बेताल भगवान शिव का ही अंश स्वरूप हैं, शिव के गणों में बेताल नाम प्रमुखता से लिया जाता है। अपनी दैवीय शक्तियों के कारण प्राचीन काल से ही भगवान शिव के विशिष्ट गण बेताल गुटिका धारण का प्रचलन रहा है। एक बार राजा दक्ष ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया। उस आयोजन में भगवान शिव को उचित मान-सम्मान नहीं दिया गया, इस कारण उनकी पत्नी सती जो राजा दक्ष की पुत्री थीं, व्यथित हो गईं और यज्ञ कुण्ड में कूदकर अपने प्राण त्याग दिये। इस कारण भगवान शिव अत्यन्त क्रोधित हुए, उनके क्रोध से तीनों लोक थर्राने लगे, पेड़ों से पत्ते झड़ गये, चारों तरफ बिजलियां कड़कने लगीं और समुद्र में तूफान सा आ गया।
उसी क्रोध के आवेश में भगवान शिव ने अपनी जटा की एक लट को तोड़कर दक्ष के यज्ञ में होम कर दी, फलस्वरूप एक अत्यन्त तेजस्वी पराक्रमी बलवान और साहसी वीर की उत्पत्ति हुई जिसे ‘बेताल’ शब्द से संबोधित किया गया। इस वीर बेताल गुटिका की खोज एस्ट्रो-मंत्रा के साधकों द्वारा सर्व प्रथम की गई और तांत्रोक्त विधि से प्राण प्रतिष्ठित की गई है।
वीर बेताल गुटिका के लाभ:
- इस गुटिका के धारण करने के बाद भी साधक के जीवन में किसी प्रकार अन्तर नहीं आता, अपितु उसमे साहस और चेहरे पर तेजस्विता आ जाती है, फलस्वरूप वह जीवन में स्वयं ही अपने अभावों, कष्टों और बाधाओं को दूर कर सकता है। आज के युग में बेताल साधना अत्यन्त आवश्यक और महत्वपूर्ण हो गई है।
- वीर बेताल गुटिका धारण करने पर साधक अजेय, साहसी, कर्मठ और अकेला ही हजार पुरुषों के समान कार्य करने वाला व्यक्ति बन जाता है।
वीर बेताल गुटिका धारण विधि:
रविवार सुबह स्नान कर शिव मंदिर जाकर आज्ञा प्राप्त करें और शिव पूजन कर एक नारियल और केले प्रसाद रूप में चढ़ा दें। शाम को सभी कामों से निर्वित हो रात 10 बजे अपने आसन पे बैठ जाएँ। आसन काला और काली धोती पहन कर बैठे। आसन के लिए कंबल भी ले सकते हैं। एक बाजोट पर काला कपड़ा बिछाएं और उस के ऊपर एक स्टील की प्लेट में क्षं बीज लिखें। सिंदूर से रंग कर उस पर थोड़े अक्षत की ढेरी लगा दें और उसके ऊपर वीर बेताल गुटिका स्थापित कर दें। एक कोने में थोड़े उड़द काली दाल रखकर उसके ऊपर एक दीप लगा दें।
भैरव जी के नाम से और उस दीपक का पूजन सिंदूर और गुड़ से करें। लाल फूल चढ़ाएं। फिर गुरु पूजन व गणेश को स्मरण कर वीर बेताल गुटिका का पूजन करें। आप दक्षिण दिशा की ओर मुख करे और फिर काले हकीक माला से 21 माला मंत्र जप करें और वहीँ सो जाए नीचे बिस्तर लगा के और इस प्रकार 21 दिन साधन करनी है। कोई भी आवाज आए या आपको ऐसा लगे की कोई आपको विचलित कर रहा है तो ध्यान न दें। सद्गुरु जी को स्मरण करे धीरे धीरे विघ्न शांत हो जायेंगे। डरे ना और ना ही कमरा छोड़कर भागे। वह पूरी कोशिश करेगा आपको साधना से उठाने की, आप गुरु जी के चित्र पर दृष्टि लगायेंगे तो विघ्न शांत हो जायेंगे।
इसमें कई अनुभव हो सकते हैं। 21 दिन के बाद यंत्र और माला को शिव मंदिर या किसी नदी में विसर्जित कर दें काले कपड़े में बांध कर जो कपड़ा आप ने बाजोट पर बिछाया हैं। गुटिका को गले में धारण कर लें। अपने अनुभव को किसी को न बताए जब तक आप पूर्ण साधना नहीं कर लेते। आप के कान में आवाजें भी आ सकती हैं, उसको समझें क्योंकि वह लाटरी का नंबर भी हो सकता है।
मंत्र:
।। ॐ नमो वीर बेताल आकस्मिक धन सिद्धी देही देही नमः ।।
Veer Betal Gutika Details:
Shape: Round
Color: Maroon
Weight: 4 gm
Size: 1.5 x 1.5 x 1.5 cm
Energized: Betal Mantra
Shipping: Within 4-5 Days in India
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