Mansagari Falit Mahagranth Book (मानसागरी फलित महाग्रन्थ पुस्तक) is an important book. In which information about astrology. It is not easily available, this book is written by Dr. Umeshpuri Ji, this Mansagari Falit Mahagranth Book is published by Randhir Prakashan, Haridwar in 2013, this book has 746 pages.
Mansagari Falit Mahagranth Book Content list:
According to the content list of the Mansagari Falit Mahagranth Book, the contents are duly expressed in a simple language for the convenience of the readers. The matters are mentioned hereunder. Jain verses written in the horoscope of Jains, planetary praise, writing method, if a short horoscope is to be made, if a long horoscope is to be made, then yuga year proof knowledge.
Result of kalyog, result of sacraments, result of kshaya samvatsar, yuga knowledge and Yuga result, Ayan wisdom’s method and result, Uttarayan result, Dakshinayan result, Gol Gyan and its fruit, North Gol fruit, South Gol fruit, Season knowledge and its fruit, Dwadash month fruit, Bhadra date The result of this, math expressions and planetary utterance representation.
Appreciation of clear planets, how to know Kalivarsha ? The method of making Bhuj koti, variable moment, method of combination and day man means, fruit of yogas formed from two planets, Bhavesh, Planet zodiac and conspiracy fruit representation.
Fruits in the 12th house of Lagnesh, Fruits in the 2nd house of the second house, Yoga, expressions, conspiracy, Ashtakvarga and age fruit representation, Dashafal thoughts – Dashavichar, Yugaar Dasha formulation, Vinshot According to the Tari opinion, the fruit of the Upadha is explained in detail, which is an important part of the Mansagari Falit Mahagranth Book.
Mansagari Falit Mahagranth Book Benefits:
- Reading the Mansagari Falit Mahagranth Book gives you information about astrology.
- You can know the importance of astrology by reading the Mansagari Falit Mahagranth Book.
- You can change your life by reading the Mansagari Falit Mahagranth Book.
Mansagari Falit Mahagranth Book Description:
Kundli making with computer is the most popular. The mathematics of a computer horoscope can be detailed, pure and authentic, but computerized results are redundant and completely ridiculous, which is not even reliable. The horoscope without result is futile.
The empirical knowledge derived from the self-study, contemplation and practice of the ancient resultant texts results in co-ordinate results related to the horoscope. This result has been presented in simple and comprehensible language in Mahagranth. It is compulsory for every astrologer and astrological lover to read this book because without it the resulting knowledge will be incomplete.
मानसागरी फलित महाग्रन्थ पुस्तक/Mansagari Falit Mahagranth Book
यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, मनसागरी फलित महाग्रंथ पुस्तक आसानी से उपलब्ध नहीं होती, यह पुस्तक डॉ. उमेशपुरी जी के द्वारा लिखी हुई है, इस मनसागरी फलित महाग्रंथ पुस्तक पुस्तक को रणधीर प्रकाशन, हरिद्वार ने सन् 2013 में प्रकाशित किया है, इस पुस्तक में 746 पृष्ठ(पेज) है।
मनसागरी फलित महाग्रंथ पुस्तक की विषय सूचि:
मनसागरी फलित महाग्रंथ पुस्तक में विषय सूचि अनुसार- जन्मपत्री पद्धति विचार- जैनियों का जन्मपत्री में लिखे का मंगल श्लोक, ग्रह प्रशंसा, लेखन पद्धति, यदि लघु जन्मपत्री बनानी हो तो, यदि दीर्घ जन्मपत्री बनानी हो तो, युग वर्ष प्रमाण ज्ञान, कलियोग का फल, संवत्सरों के फल, क्षय संवत्सर का फल, युग ज्ञान एवं युग फल, अयन ज्ञान की रीति एंव फल |
उत्तरायण का फल, दक्षिणायन का फल, गोल ज्ञान और उसका फल, उत्तर गोल का फल, दक्षिण गोल का फल, ऋतु ज्ञान और उसका फल, द्वादश मास का फल, भद्रा तिथियों का फल, गणित भाव एवं ग्रह युतिफल निरूपण- स्पष्ट ग्रह की प्रशंसा, कलिवर्ष का ज्ञान कैसे करें? भुज कोटि बनाने की रीति, चर पल, मिश्रमान और दिनमान साधन की रीति |
दो ग्रहों से बनने वाले योगों का फल, भावेश, ग्रह राशि एवं षडवर्ग फल निरूपण- लग्नेश का द्वादश भाव में फल, द्वितीयेश का द्वादश भाव में फल, योग, भाव, षडबल, अष्टकवर्ग एवं आयु फल निरूपण, दशाफल विचार- दशाविचार, युगानुरूप दशा निरूपण, विंशोत्तरी मतानुसार उपदशा का फल के बारे में विस्तार रूप से बताया गया है, जोकि मनसागरी फलित महाग्रंथ पुस्तक के महत्वपूर्ण अंग है।
मनसागरी फलित महाग्रंथ पुस्तक के लाभ:
- मनसागरी फलित महाग्रंथ पुस्तक को पढ़ने से आपको ज्योतिष शास्त्र के बारे में जानकारी मिलती है।
- इस पुस्तक को पढ़कर आप ज्योतिष के महत्व को जान सकते है।
- मनसागरी फलित महाग्रंथ पुस्तक को पढ़कर आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते है।
मनसागरी फलित महाग्रंथ पुस्तक का विवरण:
कंप्यूटर से कुण्डली निर्माण सर्वाधिक प्रचलन में है। कंप्यूटर कुण्डली का गणित विस्तृत, शुद्ध व प्रमाणिक हो सकता है, लेकिन कंप्यूटरीकृत फलित निरर्थक और पूर्णत: हास्यास्पद होता है, जो किंचित भी विश्वसनीय नहीं होता। फलित बिना कुण्डली व्यर्थ है।
प्राचीन फलित ग्रन्थों के स्वाध्याय, मनन-चिन्तन एवं व्यवहार से प्राप्त अनुभवजन्यज्ञान द्वारा कुण्डली सम्बन्धी समन्वययुक्त फलित निष्कर्ष निकाले जाते है। इस फलित महाग्रन्थ में सरल व बोधगम्य भाषा में प्रस्तुत किया गया है। प्रत्येक ज्योतिषी एवं ज्योतिष प्रेमी हेतु यह ग्रन्थ पढना अनिवार्य है क्योंकि इसके बिना फलित ज्ञान अपूर्ण होगा।
Mansagari Falit Mahagranth Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Dr. Umeshpuri
Language: Hindi, Sanskrit
Weight: 932 gm Approx.
Pages: 746 Pages
Size: “22” x “15” x “5” cm
ISBN No: 81-86955-90-9
Shipping: Within 4-5 Days in India
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