Surya Grahan 2020 | सूर्य ग्रहण 2020
This year, a total of 2 Surya Grahan 2020/सूर्य ग्रहण 2020 are going to happen in 2020, of which the first solar eclipse will take place on June 21 in the sixth month of the year.
Why does the Surya Grahan 2020 occur?
According to astrology, when the Sun passes through the zodiac sign. The solar eclipse occurs, from a scientific point of view, it is an astronomical event. Solar eclipse occurs when the moon passes between the earth and the sun.
Surya Grahan 2020 on 21 June:
- Solar eclipse time: It will be from 9.15 am in the morning of 21 June to 15: 03 in the afternoon.
- Where the solar eclipse will be seen: India, Southeast Europe and Asia etc.
- Eclipse duration: The total duration of this eclipse is 5 hours 48 minutes.
Surya Grahan 2020 on 14 December:
- Eclipse time: 19:03 to December 15 at 12 o’clock
- Eclipse duration: The total duration of this eclipse is 4 hours 47 minutes.
Where the Surya Grahan 2020 will be seen?
Although this solar eclipse will not be seen in India. It can be seen in the Pacific Ocean, South America and Antarctica. There will be no eclipse in the year 2021 from January to April.
Surya Grahan 2020 Effects:
Different Zodiac signs have their own effect inside the solar eclipse duration, so donations and baths are done after the solar eclipse. The string of the solar eclipse takes place 12 hours before the eclipse and the doors of the temples are also closed. So that the negative impact of solar eclipse does not affect the idols and courtyards of the temple.
What to do at the time of Surya Grahan 2020?
According to religious scriptures, Lord Vishnu should be remembered at the time of solar eclipse. Because Rahu was cut off from the neck by Lord Vishnu, and Lord Shiva is supposed to remove all kinds of impurities. Hence, he is called the follower.
Surya Grahan 2020 Precautions:
Eating, sleeping, doing auspicious or starting new work, drinking water, washing hair, wearing new clothes, sexual intercourse etc. are forbidden in solar eclipse. It is also forbidden to see the sun with naked eyes during the eclipse period. It is believed that seeing the sun at the time of solar eclipse has a bad effect on a person’s eyes.
The most care to be taken by the pregnant women in solar eclipse. It is believed that the negative energy released during solar eclipse is harmful to the foetus. Therefore, during the eclipse, pregnant women should be more careful and do not use sharp objects like knives, scissors and needles during the eclipse period.
सूर्य ग्रहण 2020 | Surya Grahan 2020
इस साल 2020 में कुल 2 सूर्य ग्रहण लगने जा रहे हैं, इनमें पहला सूर्य ग्रहण साल पहले छटे महीने में 21 जून को लगेगा।
सूर्य ग्रहण क्यूँ लगता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य की राशी से गुजरता है, तब सूर्य ग्रहण होता है, वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो, यह एक खगोलीय घटना है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब-जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है।
21 जून 2020 सूर्य ग्रहण:
- सूर्य ग्रहण का समय: 21 जून की सुबह 9 बजकर 15 मिनट से दोपहर 15 बजकर 03 मिनट तक रहेगा।
- सूर्य-ग्रहण कहाँ दिखाई देगा: भारत, दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया अदि स्थानों पर दिखाई देगा।
- ग्रहण की अवधि: इस ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 48 मिनट है।
14 दिसंबर 2020 सूर्यग्रहण:
- सूर्य ग्रहण का समय: शाम को 19 बजकर 03 मिनट से 15 दिसंबर को 12 बजे
- ग्रहण की अवधि: इस ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 47 मिनट है।
सूर्य ग्रहण कहाँ दिखेगा?
हालांकि यह सूर्य-ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसको प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा,वर्ष 2021 में जनवरी से लेकर अप्रैल महीने तक कोई ग्रहण नहीं लगेगा।
सूर्य ग्रहण का प्रभाव:
इस ग्रहण के अंदर अलग अलग राशियों पर अपना अपना प्रभाव पड़ता है, इसलिए सूर्यग्रहण के बाद दान और स्नान किया जाता है सूर्य-ग्रहण के सूतक, ग्रहण से 12 घंटे पहले ही लग जाते हैं और मंदिरों के पट यानि दरवाजें भी बंद कर दिए जाते हैं, ताकि सूर्य ग्रहण का नकारात्मक पर प्रभाव मंदिर में मूर्तियों और प्रांगण में न पड़े।
सूर्य ग्रहण के समय क्या करे?
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, सूर्यग्रहण के समय भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए, क्यूंकि भगवान विष्णु से राहु ग्रह की गर्दन काटी थी, और भगवान शिव सभी प्रकार के दोष-संकटों को दूर करने वाले है, इसलिए पालन कर्ता कहे जाते है।
सूर्य ग्रहण के लिए सावधानियां:
सूर्यग्रहण में भोजन करना, सोना, शुभ या नवीन कार्य करना, जल पीना, बाल धोना, मंजन करना, नवीन वस्त्र धारण करना, संभोग करना आदि को वर्जित यानि मनाही है। ग्रहण काल के समय सूर्य को नग्न आँखों से देखना भी वर्जित है, ऐसी मान्यता है, कि सूर्य ग्रहण के समय सूर्य को देखने से व्यक्ति के नेत्रों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
इस ग्रहण में सबसे ज्यदा अधिक सावधानी गर्भवती महिलाओं को रखनी चाहियें, मान्यता है,की सूर्यग्रहण के दौरान जो नकारात्मक ऊर्जा निकलती है, वह गर्भस्थ शिशु के लिए नुकसानदेह होती है। इसलिए सूर्यग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अधिक सावधानी ब्र्रतनी चाहियें, ग्रहण की अवधि में चाकू, कैंची और सुई आदि धारदार वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए।
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