माँ त्रिपुर भैरवी स्तुति
Maa Tripura Bhairavi Stuti
माँ त्रिपुर भैरवी स्तुति हिंदी पाठ
Maa Tripura Bhairavi Stuti in Hindi
सह्स्र सूर्य-सी दीप्तिमान, लाल वस्त्र पहने
रक्त रंजित ओष्ठ लाल, ग्रीवा में डाले मुण्डमाल
चतुर्भुजा माँ भैरवी,दो हाथों में पुस्तक-माला
दो हाथों से देती वरदान और विश्वास
कमल सरीखे तीन नयन हैं माँ के
सिर पर रत्न मुकुट और अर्ध चंद्र
शत्रु संहारिणी, शव सिंहासिनी माँ भैरवी !
शत्रुओं से घिरे हम, न दीखता कोई रास्ता है
पाएँ कैसे हम छुटकारा, माँ आप ही कर दो ऐसी युक्ति
जिससे हमें मिल जाये मुक्ति, कोई नहीं हमारा है
माँ आप ही का सहारा है, दुख हर लो मेरा
त्राता, दाता करो कृपा माँ भैरवी !!
॥ इति माँ त्रिपुर भैरवी स्तुति सम्पूर्णम् ॥
Maa Tripura Bhairavi Stuti Lyrics
माँ त्रिपुर भैरवी स्तुति पाठ
sahasra surya-si diptiman, lal vastra pahane
rakt ranjit oshth lal, grivaa men dale mundamal
chaturbhuja maan bhairavi,do haathom men pustak-mala
do haathom se deti varadan aura vishvas
kamal sarikhe tin nayan han maa ke
sir par ratn mukut aura ardh chandra
shatru sanharini, shav sinhasini maa bhairavi !
shatruyom se ghire ham, na deekhata koi rasta hai
paaen case ham chhutkara, maan aap hi kar do aisi yukti
jisase hamen mil jaye mukti, koi nahim hamara hai
maa aap hi ka sahara hai, dukh har lo meraa
trata, data karo krupa maan bhairavi !!
॥ iti maa tripura bhairavi stuti sampurnam ॥
माँ त्रिपुर भैरवी स्तुति विशेषताए:
माँ त्रिपुर भैरवी स्तुति के साथ-साथ यदि माँ त्रिपुरा भैरवी कवच का पाठ किया जाए तो, इस स्तुति का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तुति शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तुति का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तुति का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तुति का पाठ करे|