Gosht Suktam, गोष्ट सूक्तं

गोष्ट सूक्तं/Gosht Suktam

गोष्ट सूक्तं/Gosht Suktam

सं वो गोष्ठेन सुषदा सं रय्या सं सुभूत्या।

अहर्जातस्य यन्नाम तेना वः सं सृजामसि।।

गौओंके लिये उत्तम, प्रशस्त और स्वच्छ गोशाला बनायी जाए। गौओंको अच्छा जल पीने के लिए दिया जाए तथा गौओंसे उत्तम सन्तान उत्पन्न कराने की दक्षता रखी जाय। गौओंसे इतना स्नेह करना चाहिए कि जो भी अच्छे से अच्छा पदार्थ हों, वह उन्हें दिया जाए।।

शिवो वो गोष्ठो भवतु शारिशाकेव पुष्यत।

इहैवोत प्र जायध्वं मया वः सं सृजामसि।।

(यह) गोशाला गौओंके लिए कल्याणकारी हों। (इसमें रहकर) गौएँ पुष्ट हों और सन्तान उत्पन्न करके बढती रहें। गौओं का स्वामी स्वयं गौओं की सभी व्यवस्था देखें।।

मया गावो गोपतिना सचध्वमयं वो गोष्ठ इह पोषयिष्णुः।

रायस्पोषेण बहुला भवन्तीर्जीवा जीवन्तीरुप वः सदेम।।

गौएँ स्वामी के साथ आनन्द से मिल-जुलकर रहें। यह गोशाला अत्यन्त उत्तम हैं, इसमें रहकर सभी गौएँ पुष्ट हों। अपनी शोभा और पुष्टि को बढाती हुई गौएँ यहाँ वृद्धि को प्राप्त होती रहें। हम सब ऐसी उत्तम गौओं को प्राप्त करेंगे और उनका पालन करेंगे।।

गोष्ट सूक्तं/Gosht Suktam विशेषताए:

गोष्ट सूक्तं का पाठ किया जाए तो, इस सूक्तं का बहुत लाभ मिलता है, यह सूक्तं शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस सूक्तं का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस सूक्तं का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस सूक्तं का पाठ करे|

गोष्ट सूक्तं का पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही गोष्ट की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस गोष्ट सूक्तं पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|