Sarpa Suktam, सर्प सूक्तम

Sarpa Suktam/सर्प सूक्तम् (वेदोक्त)

Sarpa Suktam/सर्प सूक्तम : कालसर्प योग की मुक्ति के लिए किसी भी सोमवार से रोज 27 दिनों तक सर्पसूक्त (Sarpa Suktam) का पाठ करना चाहिये, जिससें प्रकार के सभी कालसर्प दोषों का बुरा प्रभाव नाश हो सके, यदि रोज संभव न हो तो श्रवण मॉस की नागपंचमी के दिन 12 पाठ सर्प सूक्त के करके में किसी मिट्ठी के बर्तन में सर्प के लिए दूध रखे तो, सभी प्रकार के कालसर्प दोष, दरिद्र दोष, वंचना चोरभेदी आदि दोष तक दूर हो जाते है।

सर्प सूक्तम्/Sarpa Suktam

नमो अस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु।

ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नमः॥

येऽदोरोचने दिवो ये वा सूर्यस्य रश्मिषु।

येषामप्सु सदः कृतं तेभ्यः सर्पेभ्यो नमः॥

या इषवो यातुधानानां ये वा वनस्पतीगंरनु।

ये वाऽवटेषु शेरते तेभ्यः सर्पेभ्यो नमः॥

इदगं सर्पेभ्यो  हविरस्तु जुष्टम्। आश्रेषा येषामनुयन्ति चेतः।

ये अन्तरिक्षं पृथिवीं क्षियन्ति। ते नः सर्पसो हवमागमिष्ठाः॥

ये रोचने सूर्यस्यापि सर्पाः। ये दिवं देवीमनु संचरन्ति।

येषामाश्रेषा अनुयन्ति कामम्। तेभ्यः सर्पेभ्यो मधुमज्जुहोमि॥

निघृष्वैरसमायुतै। कामैर् हरित्वमापन्नैः। इन्द्रायाहि सहस्रयुक्॥

अग्निर्विभ्राष्टिवसनः। वायुश्श्वेतसिकद्रुकः।

सम्वथ्सरो विषूवर्णैः। नित्यास्तेऽनुचरास्तव॥

सुब्रह्मण्योगं सुब्रह्मण्योगं सुब्रह्मण्योम्॥

Sarpa Suktam/सर्प सूक्तम विशेष:

सर्प सूक्तम के साथ-साथ यदि श्री सूक्तम , देवी सूक्तम का पाठ किया जाए तो, सर्प सूक्तम का बहुत लाभ मिलता है, मनोवांछित कामना पूर्ण होती है, यह सूक्तम शीघ्र ही फल देने लग जाता है| यदि आपकी कुंडली में राहू और केतु के बुरे प्रभाव है तो प्रभावों को शांत करने के लिए कालसर्प योग यंत्र की पूजा करनी चाहिए|