Skandmata Devi Kavach, स्कंदमाता देवी कवच

स्कंदमाता देवी कवच/Skandmata Devi Kavach

Skandmata Devi Kavach (स्कंदमाता देवी कवच)

ऐं बीजालिंका देवी पदयुग्मघरापरा।

हृदयं पातु सा देवी कार्तिकेययुता॥

श्री हीं हुं देवी पर्वस्या पातु सर्वदा।

सर्वांग में सदा पातु स्कन्धमाता पुत्रप्रदा॥

वाणंवपणमृते हुं फ्ट बीज समन्विता।

उत्तरस्या तथाग्नेव वारुणे नैॠतेअवतु॥

इन्द्राणां भैरवी चैवासितांगी च संहारिणी।

सर्वदा पातु मां देवी चान्यान्यासु हि दिक्षु वै॥

Skandmata Devi Kavach/स्कंदमाता देवी कवच

Aim Bijalinka Devi Padajyuggharapara.

Hridayam paatu sa devi karthikeyayuta॥

Shree hi hum devi parvasya patu always.

Always Patu Skandmata Putraprada in the whole world.

Vanampanamrte Humft Seed Coordination.

Uttarasya Tathagneva Varune Nailteavatu

Indranam Bhairavi Chavasitangi Cha Sanharini.

Sarvada Patu Maa Devi Chanyanyasu hi Dikshu Vai.

Skandmata Devi Kavach/स्कंदमाता देवी कवच विशेषताऐ :

नवरात्रि का पांचवां दिन मां नव दुर्गा के स्कंदमाता स्वरुप को समर्पित माना जाता  है| स्कंदमाता देवी कवच के साथ-साथ यदि दुर्गा कवच का पाठ किया जाए तो, इस कवच का बहुत लाभ मिलता है, यह कवच शीघ्र ही फल देने लग जाते है|  यदि मनुष्य के व्यापारिक जीवन में मुश्किलो से मुक्ति दिलाता है  स्कंदमाता देवी कवच के पाठ के साथ साथ दुर्गा चालीसा और दुर्गा स्तुति का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है| व्यापार करने वाले व्यक्ति को इस कवच का पाठ जरुर करना चाहिए|

साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही देवी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे, इस स्कंदमाता देवी कवच का पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को व्यापारिक जीवन में बहुत अधिक वृद्धि प्राप्त होती है