Narsingh Tantra Garhwali-Shabar Book/नृसिंह तन्त्र गढ़वाली-शाबर पुस्तक : Narsingh Tantra Garhwali Shabar Book is an important book, in which information about garhwal shabar tantra is hidden.
Narsingh Tantra Garhwali-Shabar Book About:
Since ancient times, worship of Lord Narasimha Dev ji, chanting of their chants and Tantric accomplices has been performed on a large scale. Lord Nrisingh is the fiercest incarnation of Lord Mahavishnu. He is also the founder of the Yantra-mantra and the technique. This is the reason that in early Goddesses, Shri Bhairav, Shri Bajrangbali, Mum Chandi and Nrisingh Dev are foremost and always remain under the devotee to fulfill their desire. Even so, they are also prominent in the category of our Ishteshwar and Kuldevas. For this reason, in all the religious texts, one get description of the rules and regulations. -Narsingh Tantra Garhwali-Shabar Book.
The biggest thing is that Lord Nrisingh Dev still invisibly disguises among us and after every three years the law of accepting is found in all North India. And a few services are filled with devotion and fulfill the desires of the devotees. There are many such things which are not well known to everyone but are contained in this book which is a very good collection for the eager person to know about the mantras. – Narsingh Tantra Garhwali-Shabar Book.
नृसिंह तन्त्र गढ़वाली-शाबर पुस्तक/Narsingh Tantra Garhwali-Shabar Book
नृसिंह तन्त्र गढवाली शाबर, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें गढवाल शाबर तन्त्र के बारे में बताया गया है।
नृसिंह तन्त्र गढ़वाली-शाबर पुस्तक के बारे में..
प्राचीन काल से ही भगवान नृसिंह देव जी की आराधना उपासना, उनके मंत्रो का जप और तान्त्रिक सिद्धियाँ बड़े ही पैमानों पर होती रही हैं। भगवान नृसिंह श्रीमहाविष्णु के सबसे उग्र अवतार हैं। वही यन्त्र-मन्त्र और तन्त्र शास्त्र के मूलाधार भी हैं। यही कारण है कि शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवों में श्री भैरव श्री बजरंगबली, माँ चण्डी तथा श्रीनृसिंह देव जी अग्रणीय हैं तथा मनोकामना पूर्ण करने में हमेशा भक्त के अधीन रहते हैं। यहाँ तक कि ये हमारे इष्टदेव और कुलदेवों की श्रेणी में भी अग्रणीय हैं। इसी कारण मन्त्र-तन्त्र के सभी धार्मिक ग्रन्थों में इनका विधि विधान से वर्णन मिलता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि भगवान श्रीनृसिंह देव आज भी अदृश्य रूप से हमारे बीच विचरण करते हैं तथा प्रत्येक तीन साल बाद उनको मानने का विधान समस्त उत्तर भारत में पाया जाता है। तथा थोड़ी ही सेवा भक्ति से प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूर्ण कर देते हैं। ऐसी ही बहुत सारी बातें जो सर्व विदित नहीं है इस पुस्तक में समाहित है जो मंत्र तंत्र के जानने के उत्सुक व्यक्ति के लिए बहुत ही अच्छा संग्रह है। – Narsingh Tantra Garhwali-Shabar Book.
Narsingh Tantra Garhwali Shabar Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Pt. V. D. Paliwal
Language: Hindi
Weight: 260 gm Approx.
Pages: 156 Pages
Size: “22” x “14” x “1” cm
Edition: 2019
Shipping: Within 4-5 Days in India
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veer –
Nice book