Maa Bhuvaneshwari Stuti
माँ भुवनेश्वरी स्तुति
माँ भुवनेश्वरी स्तुति हिंदी पाठ
Maa Bhuvaneshwari Stuti in Hindi
जगत जननी, मुस्कराती, जपा कुसुमवत रक्त वर्णा ।
चतुर्भुजा, त्रिनेत्रा, अभय और वर देने वाली ॥ १ ॥
माँ भुवनेश्वरी !
माँ! जग में भरा घोर अंधेरा, हमें चाहिये अभय दान ॥ २ ॥
माँ आप हैं त्रिभुवन की स्रष्टा, आप ही हैं सौभाग्यकारिणी ।
मान बचा दें आप हमारा,पूरी कर दें सभी कामना ॥ ३ ॥
हम करते आपकी वंदना, भूल हमारी कर दें माफ़ ।
जग परिपालक ॥ ४ ॥
भुवनेश्वरी माँ !!
॥ इति माँ भुवनेश्वरी स्तुति सम्पूर्णम् ॥
Maa Bhuvaneshwari Stuti Lyrics
माँ भुवनेश्वरी स्तुति पाठ
jagat janani, muskarati, japaa kusumavat rakt varna ।
chaturbhuja, trinetra, abhaya aura var dene vali ।। 1 ।।
maa bhuvaneshvari !
maa! jaga men bhara ghor andheraa, hamen chaahiye abhaya dan ।। 2 ।।
maa aap han tribhuvan ki srashta, aap hi han saubhagyakarini ।
man bacha dem aap hamara,puri kar dem sabhi kamana ।। 3 ।।
ham karate aapaki vandana, bhul hamari kar dem maf ।
jaga paripalak ।। 4 ।।
bhuvaneshvari maa !!
।। iti maa bhuvaneshvari stuti sampurnam ।।
माँ भुवनेश्वरी स्तुति विशेषताए:
माँ भुवनेश्वरी स्तुति के साथ-साथ यदि भुवनेश्वरी अष्टकम का पाठ किया जाए तो, इस स्तुति का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तुति शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तुति का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| याद रखे इस स्तुति पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|
माँ भुवनेश्वरी स्तुति के पाठ के साथ साथ भुवनेश्वरी गुटिका और भुवनेश्वरी माला को भी धारण करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही माँ भुवनेश्वरी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तुति का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तुति का पाठ करे|