Kushmanda Devi Kavach, कुष्मांडा देवी कवच

कुष्मांडा देवी कवच/Kushmanda Devi Kavach

Kushmanda Devi Kavach (कुष्मांडा देवी कवच)

हंसरै में शिर पातु कूष्माण्डे भवनाशिनीम्।

हसलकरीं नेत्रेच, हसरौश्च ललाटकम्॥

कौमारी पातु सर्वगात्रे, वाराही उत्तरे तथा,पूर्वे पातु वैष्णवी इन्द्राणी दक्षिणे मम।

दिगिव्दिक्षु सर्वत्रेव कूं बीजं सर्वदावतु॥

Kushmanda Devi Kavach/कुष्मांडा देवी कवच

Hamsarai Mein Shira Patu Kushmande Bhavanashinim।

Hasalakarim Netrecha, Hasaraushcha Lalatakam॥

Kaumari Patu Sarvagatre, Varahi Uttare Tatha,

Purve Patu Vaishnavi Indrani Dakshine Mama।

Digvidikshu Sarvatreva Kum Bijam Sarvadavatu॥

Kushmanda Devi Kavach/कुष्मांडा देवी कवच विशेषताऐ :

कुष्मांडा देवी कवच के साथ-साथ यदि दुर्गा कवच का पाठ किया जाए तो, इस कवच का बहुत लाभ मिलता है, यह कवच शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस कवच का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर  होने लगती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवारजानो का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस  कवच का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है | यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर  से मुक्ति चाहता है तो वह इस कवच का पाठ करे | और साधक के जीवन में रोग , भय, दोष शोक दूर हो जाते है साथ ही देवी कूष्मांडा की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है।

इस कवच के पाठ के साथ साथ दुर्गा चालीसा और दुर्गा स्तुति का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | याद रखे इस पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखेI इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता हैI