Bhairav Kavach, भैरव कवच

Bhairav Kavach Lyrics | भैरव कवच हिन्दी 

Bhairav Kavach (भैरव कवच) is the form of 52 Bhairav, like Kaal Bhairav, Kapali Bhairav, Chand Bhairav, Ruru Bhairav, Bhishan Bhairav, Unmatt Bhairav, Krodh Bhairav, Batuk Bhairav etc., this Bhairav Kavach is very powerful, by reciting this Kavach daily. You become completely safe, there is no effect of any kind of tantra experiment, knowledge, meditation or negative energy on you, because you are protected by 52 Bhairavs.

If you work, do business or are preparing for any exam, you are preparing for exam like IS, IPS, Civil Services etc., then you must read Aparajita Stotra and Batuk Bhairav Stotra. All fear goes away, and you definitely get complete success.

Bhairav Kavach Method:

Although Bhairav Kavach can be recited easily in daily puja, if there is any special wish, like protection from any tantric obstacle, success in examination, victory in elections etc. then recite Bhairav Kavach with this method.

On any Sunday, between evening time (5:30-7:30Pm) or night time (9:15-10:30Pm), when your mind is calm from within, sit on a red woollen seat, east or sitting facing south, place the Idol or Picture of Lord Shiva in front of you, Lord Shiva is the form of Bhairav. In Rudrayamal Tantra, Shiva has been described as Bhairava and Shakti has been described as Bhairavi.

Light a lamp of mustard or Sesame Oil in front of Lord Shiva and wear Bhairav Gutika around your neck and pray to your Guru, ancestors, Ishta and 52 Bhairavas for complete success in your work. While speaking your wishes, pray to Lord Shiva. Offer a flower of rose, Gudhal or red Kaner at the feet and offer jaggery.

After this, keeping your hands straight on your head and speaking in a loud voice, recite 11 rosaries of Bhairav Kavach for 21 Days. By doing this, you will definitely get success in the Biggest Diseases, Lawsuits, Enemies, System Obstacles, Elections, Competitions etc. Is obtained, this is a tested experiment.

Bhairav Kavach Benefits:

  • One gets freedom from obstacles like ghosts etc., negative powers are destroyed.
  • There is no greater armour in the world than this to conquer work.
  • All the wishes of man are fulfilled.
  • Students definitely get success in the examination.
  • Success is achieved in government work.
  • There is no fear of any kind, all kinds of disturbances subside.
  • Tantra defects like Maran, Mohan, Ucchatan etc. caused by the enemy are destroyed and protected from them.
  • If there are bad cases like ED, CBI, CID, then definitely recite Aparajita Stotra and Bhairav Kavach.
  • Protects from bad accidents in future.
  • If a pregnant woman recites Bhairav Kavach, her pregnancy is protected.

भैरव कवच | Bhairav Kavach Hindi

यह भैरव कवच 52 भैरव का स्वरूप है, जैसे काल भैरव, कपाली भैरव, चंड भैरव, रुरु भैरव, भीषण भैरव, उन्मत्त भैरव, क्रोध भैरव, बटुक भैरव आदि, यह भैरव कवच बहुत ही शक्तिशाली है, इस कवच का नित्य पाठ करने से आप पूरी तरह से सुरक्षित हो जाते है, आपके उपर किसी भी प्रकार का कोई भी तंत्र प्रयोग, इल्म, मुठ, नकारात्मक उर्जा का प्रभाव नही होता, क्योंकि आपकी रक्षा 52 भैरव करते है।

आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है

भैरव कवच पाठ विधि:

वैसे तो भैरव कवच का पाठ नित्य पूजा में बोलकर आसानी से किया जा सकता है, यदि कोई विशेष कामना हो, जैसे किसी तंत्र बाधा से रक्षा, परीक्षा में सफलता, चुनाव में विजय आदि तो इस विधि से भैरव कवच का पाठ करें।

किसी भी रविवार के दिन, शाम के समय (5:30-7:30Pm) या रात के समय (9:15-10:30Pm) के बीच, जिस समय आपका मन अंदर से शांत हो, लाल ऊनि आसन पर, पूर्व या दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके बैठे, अपने सामने भगवन शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें, भगवान शिव ही भैरव का रूप होते है। रुद्रयामल तंत्र में शिव को भैरव और शक्ति को भैरवी बताया गया है ।

शिव जी के सामने सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाये और अपने गले में भैरव गुटिका धारण करकें, अपने गुरु, पितृ, इष्ट ओर 52 भैरवों से, अपने कार्य में पूर्ण सफलता के लिए प्रार्थना करें, अपनी कामना बोलते हुए, शिव जी के चरणों में गुलाब, गुडहल या लाल कनेर का एक पुष्प चढायें और गुड़ का भोग लगायें। इसके बाद अपने सर पर सीधा हाथ रख कर, उच्च स्वर में बोलते हुए, भैरव कवच का 11 माला पाठ 21 दिन तक करें, ऐसा करने से बड़ी से बड़ी बीमारी, मुकदमा, शत्रु, तंत्र बाधा, चुनाव, प्रतियोगिता आदि में निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है, यह परीक्षित प्रयोग है।

भैरव कवच के लाभ:

  • भूत-प्रेत आदि बाधाओं से मुक्ति मिलती है, नकारात्मक शक्तिओं का नाश हो जाता है।
  • कार्य पर विजय प्राप्त करने के लिए संसार में इससें बड़ा कोई कवच नही है।
  • मनुष्य की सभी मनोकामना सिद्ध होती है।
  • विद्यार्थियों को परीक्षा में निश्चित ही सफलता मिलती है।
  • सरकारी कामो में सफलता प्राप्त होती है।
  • किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं होता, सभी प्रकार के उपद्रव शांत हो जाते है।
  • शत्रु के द्वारा किये हुए मारण, मोहन, उच्चाटन आदि तंत्र दोष नष्ट होते है, उनसें रक्षा होती है।
  • ई.डी, सी.बी.आई, सी.आई.डी जैसे यदि बुरे केस हो तो, अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और भैरव कवच का पाठ करें।
  • भविष्य में आने वाली बुरी दुर्घटनाओं से रक्षा होती है।
  • यदि गर्भवती महिला भैरव कवच का पाठ करें तो, गर्भ रक्षा होती है

भैरव कवच | Bhairav Kavach

ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः ।
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥

पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।
आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥

नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे ।
वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥

भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा ।
संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।
सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ॥

रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु ।
जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च ॥

डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः ।
हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः ॥

पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः ।
मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा ॥

महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा ।
वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा ॥

।। इति भैरव कवच ।।

बटुक भैरव आह्वान मंत्र 108 बार

बटुक भैरव आह्वान मंत्र 108 बार

भैरव रक्षा कवच हिन्दी

Bhairav Kavach | भैरव कवच विशेषताऐ:

Bhairav Kavach (भैरव कवच) भगवान की कृपा प्राप्त करने का और अपने शरीर की तथा अपने घर की सुरक्षा करने का अमोघ अस्त्र है। इस  का प्रतिदिन पाठ करे और परिणाम स्वयं देखे कितना प्रभावशाली है। भैरव कवच के साथ-साथ यदि भैरव चालीसा स्तोत्र का पाठ किया जाए तो, इस कवच का बहुत लाभ मिलता है, यह कवच शीघ्र ही फल देने लग जाता है, लक्ष्मी कवच, और लक्ष्मी नारायण कवच का प्रतिदिन पाठ और पूजा करने से सफलता की प्राप्ति होती है। यदि साधक इस कवच के पाठ के साथ-साथ  भैरव गुटिका धारण करता है, तो मनोवांछित कामना  पूर्ण होती है।