What is an Ashtadhatu Mudrika?
Ashtadhatu has great importance in astrology. Wearing an Ashtadhatu Mudrika/अष्टधातु मुद्रिका pacify Rahu as well as other planets. If the position of planet Rahu starts deteriorating in the Kundli of a person, his life ruins, and accidents keep happening to the person throughout the day. Arguments keep happening with someone or the other and hardness comes in the mind. In such a situation, one must wear this mudrika to avoid obstacles. Moreover, by wearing this mudrika reduces the negative effects of planet Rahu.
Why should wear an Ashtadhatu Mudrika?
Due to the wrath of planet Rahu, Darkness, Anger and Jealousy increase inside a person, due to which the person’s self-confidence starts decreasing. He starts talking harshly to everyone, filling his body and mind with more laziness and greed. His situation becomes such that he becomes jealous of everyone and starts trying to be equal.
Moreover, if you are also facing this problem and want to calm your mind, then you must wear this Ashtadhatu Mudrika. When you wear this mudrika, stiffness and laziness will go away from your mind and you will get mental peace. You can order this mudrika online soon from our Astro Mantra online shop.
How to wear an Ashtadhatu Mudrika?
On any Saturday evening between 7 pm to 9 pm, chant the following Raksha Mantra 3 times and then wear this Ashtadhatu Mudrika.
Ashtadhatu Mudrika Mantra:
Om Kaala Bhairoo, Kapila Kesh। Kaana Kundal Bhagava Vesh।
Teer Patar Liyo Haath, Chausath Joganiya Khele Paas।
Aas Maee, Paas Maee। Paas Maee Sees Maee।
Saamane Gaadee Baithe Raaja, Peedo Baithe Praaja Mohe।
Raaja Ko Banaoo Kukada। Praja Banaoo Gulaam।
Shabd Saancha, Peend Kaacha। Raajaguru Ka Bachan Jug Jug Saacha।
Satanaam Aadesh Gurujee Ko Aadesh Aadesh।
Benefits of Ashtadhatu Mudrika:
- When a person wears Ashtadhatu Mudrika, he gets freedom from the influence of Rahu planet.
- This mudrika protects the person from unexpected events.
- Using a mudrika reduces darkness, anger, and jealousy in the mind.
- Additionally, when a person wears a Mudrika, his self-confidence becomes stronger.
- Wearing a Mudrika keeps the mind calm and increases concentration.
- Whatever work a person does by wearing an Ashtadhatu Mudrika, he gets success in it.
- Moreover, wearing the Ashtadhatu Mudrika generates positive energy in the mind of a person.
Precautions of Ashtadhatu Mudrika:
- Do not consume meat, alcohol and avoid getting intimate 24 hours before worship.
- Do the puja with a calm mind and concentration after taking bath.
- Do not touch this product with dirty hands before worship.
अष्टधातु मुद्रिका क्या है?
ज्योतिष शास्त्र में अष्टधातु को बहुत महत्व दिया जाता है। अष्टधातु मुद्रिका पहनने से राहु के साथ-साथ अन्य ग्रह भी शांत हो जाते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में राहू ग्रह की स्थिति ख़राब होने लगती हैं तो उसका जीवन बर्बाद होने लगता है, व्यक्ति के साथ दिन भर दुर्घटनाएं घटती रहती हैं। किसी न किसी के साथ वाद-विवाद होता रहता है और मन में कठोरता आ जाती है। ऐसे में बाधाओं से बचने के लिए यह मुद्रिका जरूर धारण करनी चाहिए। इस मुद्रिका को पहनने से राहू ग्रह के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
अष्टधातु मुद्रिका क्यों पहननी चाहिए?
राहू ग्रह के प्रकोप के कारण व्यक्ति के अंदर अंधकार, क्रोध और ईर्ष्या बढ़ जाती है, इसके कारण व्यक्ति का आत्मविश्वास कम होने लगता है ৷ वे सब के साथ कठोरता से बात करने लगता है, उसके शरीर और मन में अधिक आलस्य और लालच भरने लगता है। उसकी स्थिति ऐसी हो जाती है कि वह हर किसी से ईर्ष्या करने लगता है, बराबरी करने लगता है ৷
यदि आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं और अपने मन को शांत करना चाहते हैं, तो आपको अवश्य ही यह अष्टधातु मुद्रिका पहननी चाहिए। जब आप इस मुद्रिका को पहनेंगे तो आपके मन की कठोरता, आलस्य दूर होने लगेगा और मानसिक शांति मिलेगी। इस मुद्रिका को आप हमारे एस्ट्रो मंत्रा ऑनलाइन शॉप से शीघ्र ही ऑनलाइन मंगवा सकते है।
अष्टधातु मुद्रिका कैसे धारण करें?
किसी भी शनिवार के दिन शाम के समय 7 बजे से 9 बजे के बीच निम्नलिखित रक्षा मंत्र 3 बार बोलकर इस अष्टधातु मुद्रिका को धारण कर करें ৷
अष्टधातु मुद्रिका मंत्र:
ॐ काला भैरू, कपिला केश। काना कुंडल भगवा वेष।
तीर पतर लियो हाथ, चौसठ जोगनिया खेले पास।
आस माई, पास माई। पास माई सीस माई।
सामने गादी बैठे राजा, पीडो बैठे प्राजा मोहे।
राजा को बनाऊ कुकडा। प्रजा बनाऊ गुलाम।
शब्द सांचा, पींड काचा। राजगुरु का बचन जुग जुग साचा।
सतनाम आदेश गुरुजी को आदेश आदेश।
अष्टधातु मुद्रिका के लाभ:
- जब व्यक्ति अष्टधातु मुद्रिका पहनता है, तो वह राहू ग्रह दोष से मुक्ति प्राप्त करता है।
- यह मुद्रिका व्यक्ति को अनपेक्षित घटनाओं से बचाती है।
- इस मुद्रिका का प्रयोग करने से मन में अंधकार, क्रोध और ईर्ष्या कम होते हैं।
- जब व्यक्ति यह मुद्रिका पहनता है, तो उसका आत्मविश्वास मजबूत होता है।
- इसको धारण करने से दिमाग शांत रहता है और एकाग्रता में वृद्धि होती है।
- जिस कार्य को व्यक्ति अष्टधातु मुद्रिका पहनकर करता है, उसमें सफलता मिलती है।
- इसे धारण करने से व्यक्ति के मन में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
अष्टधातु मुद्रिका की सावधानियां:
- पूजा करने से 24 घंटे पहले मांस, मदिरा और मैथुन का प्रयोग न करें।
- पूजा स्नान कर शांत मन से एकाग्र होकर ही करें।
- पूजा करने से पहले गंदे हाथों से इस प्रोडक्ट को न छुयें।
Ashtadhatu Mudrika Details:
Metal: Ashtadhatu
Size: 1 x 1 Inch
Weight: 3 gm Approx.
Gender: Unisex
Product Type: Religious Ring
Shipping: Within 4-5 Days in India.
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