Surya Puran Book (सूर्य पुराण पुस्तक): It is an important book, Surya Puran Book is not easily available, this book is written by Pt. Jwala Prasad Chaturvedi Ji, this Surya Purana book was published by Randhir Prakashan, Haridwar, in 2016, this book has 366 pages.
Surya Puran Book Content list:
According to the content list of the book, the contents are duly expressed in a simple language for the convenience of the readers. The matters are mentioned here under. Origin of Sun God, story of his female noun and shadow, legislation of Saptami Vrat, dialogue of Shri Krishna and Samba and worship of Suryanarayana, legislation of Nityanachar of Suryanarayana, legislation of Naimitikarchana and fasting of fast, fruits of Magha etc. and Jyestha Adi and Ashwin etc.
In four-four months, the worship of Surya Pujan Vidhan and the result of the chariot Saptami, the description of the chariot of the Sun God, the statement and movement of the gods living with the chariot Description and distinction of Udayast, the qualities of the Sun God and the fruits of different Varna in the seasons.
Description of the consecration of Suryanarayana, the act of the first day of the Rath Yatra, the description of the organs of the chariot and the carrying of the four gates of the city Vidhan, Glory of Sri Surya Dev, Worship of Lord Surya, Sunday-fasting, Sunday and its fast and rules, Dwadashaditya fast, Chaitra Masiya Surya Vrat, Jyeshtha Masi Karvir fast Is described in more detail, which is an important part of the Surya Puran Book.
Surya Puran Book Description:
Surya has been a prominent place of worship since the Vedic era. Even in the Rig Veda, the Sun has been called the soul of the world because the world cannot be imagined if it is not the Sun God. All the texts of Indian culture accept Sun God as Adidev. In the Panchadeva- Vishnu, Shiva, Brahma, Ganesha and Surya are counted. Temples have been established in India since ancient times for sun worship. Therefore, it is clear that Suryopasana has also been prevalent for a long time.
Surya Puran Book Benefits:
Reading the Surya Puran Book provides important information about Surya worship.
By reading the Surya Puran Book, you can know the importance of Sun in your life.
सूर्य पुराण पुस्तक/Surya Puran Book
यह सूर्य पुराण एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, सूर्य पुराण पुस्तक आसानी से उपलब्ध नही होती, यह पुस्तक पं. ज्वाला प्रसाद चतुर्वेदी एवं पं. कपिल मोहन जी के द्वारा लिखी हुई है, इस सूर्य पुराण पुस्तक को रणधीर प्रकाशन हरिद्वार, ने सन् 2016 में प्रकाशित किया है, इस पुस्तक में 366 पृष्ठ(पेज) है।
सूर्य पुराण पुस्तक की विषय सूचि:
इस पुस्तक में विषय सूचि अनुसार- सूर्य भगवान की उत्पत्ति, उनकी स्त्री संज्ञा और छाया की कथा, सप्तमी व्रत का विधान, श्री कृष्ण व साम्ब का संवाद व सूर्यनारायण की आराधना, सूर्यनारायण के नित्यार्चन का विधान, नैमित्तिकार्चन और व्रत के उद्यापन का विधान व व्रत का फल, माघ आदि व ज्येष्ठ आदि और आश्विन आदि चार-चार महीनों में सूर्य पूजन विधान व रथ सप्तमी का फल, सूर्य भगवान के रथ का वर्णन, रथ के साथ रहने वाले देवताओं का कथन व गमन का वर्णन और उदयास्त का भेद,।
सूर्य भगवान के गुण व ऋतुओं में इनके अलग अलग वर्ण और वर्णों का फल, सूर्यनारायण के अभिषेक का वर्णन, रथ यात्रा के प्रथम दिन का कृत्य, रथ के अंगों का वर्णन व नगर के चार द्वारों पर ले जाने का विधान, श्री सूर्य देव की महिमा, भगवान सूर्य की पूजा विधि, रविवार-व्रतानुष्ठान, रविवार और उसके व्रत एवं नियम, द्वादशादित्य व्रत, चैत्र मासीय सूर्य व्रत, ज्येष्ठ मासीय करवीर व्रत के बारे में विस्तार रूप से बताया गया है, जोकि सूर्य पुराण पुस्तक के महत्वपूर्ण अंग है।
सूर्य पुराण पुस्तक/Surya Puran Book का विवरण:
वैदिक युग से ही सूर्य उपासना का प्रमुख स्थान रहा है। ऋग्वेद में भी सूर्य को संसार की आत्मा कहा गया है क्योंकि यदि सूर्य भगवान नहीं तो जगत की कल्पना भी नहीं की जा सकती। भारतीय वांगमय के सभी ग्रन्थ सूर्य देव को आदिदेव के रूप में स्वीकार करते है। पंचदेवों में- विष्णु, शिव, ब्रह्मा, गणेश तथा सूर्य की गणना की जाती है। भारत में सूर्य उपासना के लिए प्राचीन समय से ही मन्दिरों की स्थापना होती रही है। अत: ये स्पष्ट है कि सूर्योपासना का प्रचलन भी दीर्घकाल से रहा है।
सूर्य पुराण पुस्तक के लाभ:
इस पुस्तक को पढ़ने से सूर्य उपासना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
सूर्य पुराण पुस्तक को पढ़कर आप अपनी जिन्दगी में सूर्य की महत्वता को जान सकते है।
Surya Puran Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Pt. Jwala Prasad Chaturvedi
Language: Hindi
Weight: 319 gm Approx.
Pages: 366 Pages
Size: “18” x “12” x “2” cm
Edition: 2016
Shipping: Within 4-5 Days in India
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