Shree Gopal Sahastranaam-Stotram Book/श्री गोपाल सहस्त्रनाम-स्तोत्रम् पुस्तक : Shree Gopal Sahastranaam Stotram Book is an important book, in which information about gopal puja is hidden.
Shree Gopal Sahastranaam-Stotram Book About:
In the Sadhana of Lord Shri Krishna, Shri Gopal Sahasranam Stotram is considered very influential. Brahmana Nayak Lila Purushottam God has many forms of Lord Sri Krishna Chandra. They are worshiped in the heart of devotees in different forms like Madan Mohan, Shyamsundar, Vrajendranandan, Gopivallabh, Radhavallabh, Radharaman, Gopal etc. The symbol of cows with cowpeas in Bal Lila remains constant with Lord Krishna. Rearing the cows and grazing the cows are the main organ of their Bal Lila. That is why the devotees call him in the name of ‘Govind’ and ‘Gopal’ and in this form they also worship him. -Shree Gopal Sahastranaam-Stotram Book.
Cows have special significance in Indian culture. Cow is the cornerstone of Indian life. Lord Sri Krishna has presented the ideal for the common man by serving and following the cows. Therefore, their worship has special significance in the form of Gopal. In the order of worship, there is a special glory of remembrance. That is why tradition of ‘Gopal Sahasranam’ from ancient times runs specially. In the scriptures, an important part of the text of Gopal Sahasranam is mentioned, which is also received briefly at the end of the text. Both the temporal and transcendental benefits come from its lessons. Gopal Sahasranam with translation is being published in the book presented. Understanding the meaning of God’s names and their mystery, people recite it, they experience the joy of their happiness, and along with that text is particularly fruitful. -Shree Gopal Sahastranaam Stotram Book.
श्री गोपाल सहस्त्रनाम-स्तोत्रम् पुस्तक/Shree Gopal Sahastranaam-Stotram Book
श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम्, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें गोपाल पूजा के बारे में बताया गया है।
श्री गोपाल सहस्त्रनाम-स्तोत्रम् पुस्तक के बारे में..
भगवान् श्री कृष्णा की साधना में श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम् को बेहद प्रभावशाली माना जाता है। ब्रह्माण्ड नायक लीलापुरुषोतम भगवान् श्रीकृष्ण चन्द्र के अनेक स्वरूप हैं। वे मदन मोहन, श्यामसुन्दर, व्रजेन्द्रनन्दन, गोपीवल्लभ, राधावल्लभ, राधारमण, गोपाल आदि विभिन्न स्वरूपों में भक्तों के ह्रदय में विराजते हैं। बाललीला में गोप-गोपिकाओं के साथ गायों की सन्निधि भगवान् श्री कृष्ण के साथ निरंतर रहती है। गोचारण और गोपालन उनकी बाल लीला का मुख्य अंग है। इसीलिए भक्तगण उन्हें ‘गोविन्द’ और ‘गोपाल’ के नाम से पुकारते हैं तथा इसी स्वरूप में उनकी उपासना भी होती है। भारतीय संस्कृति में गायों का विशेष महत्व है। गाय भारतीय जीवन की आधारशिला है। भगवान् श्रीकृष्ण ने गायों की सेवा और उनका पालन कर जन सामान्य के लिए आदर्श उपस्थित किया है। अतः गोपालरूप में इनकी उपासना का विशेष महत्व है। उपासना के क्रम में अपने यहाँ नाम-स्मरण की विशेष महिमा बतायी गयी है। इसीलिए प्राचीनकाल से ‘गोपाल सहस्त्रनाम’ के पाठ की परम्परा विशेष रूप से चलती है। शास्त्रों में गोपाल सहस्त्रनाम के पाठ की महत्वपूर्ण फलश्रुति बतायी गयी है, जो यहाँ भी पाठ के अन्त में संक्षिप्त रूप से प्राप्त है। लौकिक तथा पारलौकिक – दोनों प्रकार के लाभ इसके पाठ से प्राप्त होते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में गोपाल सहस्त्रनाम सानुवाद प्रकाशित किया जा रहा है। भगवान् के नामों के अर्थ और उनके रहस्य को समझते हुए लोग इसका पाठ करते हैं, उनके आनंद की अनुभूति तो होती ही है, इसके साथ ही वह पाठ विशेषरूप से फलदायी भी होता है। -Shree Gopal Sahastranaam Stotram Book.
Shree Gopal Sahastranaam Stotram Book Details:
Book Publisher: D. P. B. Publications
Language: Sanskrit
Weight: 0.091 gm Approx.
Pages: 128 Pages
Size: “18” x “12” x “1” cm
Shipping: Within 4-5 Days in India
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