Gopal Kavach/गोपाल कवच
(Gopal Kavach/गोपाल कवच)
पुत्र प्राप्ति और बार-बार गर्भपात होने की स्थिति में इस स्तोत्र का उक्त स्तोत्र का पाठ नियमित करना चाहिये।
।। श्री गणेशाय नमः ।।
।। श्रीनारद उवाच ।।
इन्द्राद्यमरवर्गेषु ब्रह्मन्यत्परमाऽद्भुतम् ।
अक्षयं कवचं नाम कथयस्व मम प्रभो ।। 1 ।।
यद्धृत्वाऽऽकर्ण्य वीरस्तु त्रैलोक्य विजयी भवेत् ।
।। ब्रह्मोवाच ।।
श्रृणु पुत्र ! मुनिश्रेष्ठ ! कवचं परमाद्भुतम् ।। 2 ।।
इन्द्रादि-देव वृन्दैश्च नारायण मुखाच्छ्रतम् ।
त्रैलोक्य-विजयस्यास्य कवचस्य प्रजापतिः ।। 3 ।।
ऋषिश्छन्दो देवता च सदा नारायणः प्रभुः ।
सीधे हाथ में जल लेकर विनियोग पढ़कर जल भूमि पर छोड़ दे।
विनियोगः- ॐ अस्य श्रीत्रैलोक्यविजयाक्षयकवचस्य प्रजापतिऋर्षिः, अनुष्टुप्छन्दः, श्रीनारायणः परमात्मा देवता, धर्मार्थकाममोक्षार्थे जपे विनियोगः ।
पादौ रक्षतु गोविन्दो जङ्घे पातु जगत्प्रभुः ।। 4 ।।
ऊरू द्वौ केशवः पातु कटी दामोदरस्ततः ।
वदनं श्रीहरिः पातु नाडीदेशं च मेऽच्युतः ।। 5 ।।
वाम पार्श्वं तथा विष्णुर्दक्षिणं च सुदर्शनः ।
बाहुमूले वासुदेवो हृदयं च जनार्दनः ।। 6 ।।
कण्ठं पातु वराहश्च कृष्णश्च मुखमण्डलम् ।
कर्णौ मे माधवः पातु हृषीकेशश्च नासिके ।। 7 ।।
नेत्रे नारायणः पातु ललाटं गरुडध्वजः ।
कपोलं केशवः पातु चक्रपाणिः शिरस्तथा ।। 8 ।।
प्रभाते माधवः पातु मध्याह्ने मधुसूदनः ।
दिनान्ते दैत्यनाशश्च रात्रौ रक्षतु चन्द्रमाः ।। 9 ।।
पूर्वस्यां पुण्डरीकाक्षो वायव्यां च जनार्दनः ।
इति ते कथितं वत्स सर्वमन्त्रौघविग्रहम् ।। 10 ।।
तव स्नेहान्मयाऽऽख्यातं न वक्तव्यं तु कस्यचित् ।
कवचं धारयेद्यस्तु साधको दक्षिणे भुजे ।। 11 ।।
देवा मनुष्या गन्धर्वा यज्ञास्तस्य न संशयः ।
योषिद्वामभुजे चैव पुरुषो दक्षिणे भुजे ।। 12 ।।
विभ्रुयात्कवचं पुण्यं सर्वसिद्धियुतो भवेत् ।
कण्ठे यौ धारयेदेतत् कवचं मत्स्वरूपिणम् ।। 13 ।।
युद्धे जयमवाप्नोति द्यूते वादे च साधकः ।
सर्वथा जयमाप्नोति निश्चितं जन्मजन्मनि ।। 14 ।।
अपुत्रो लभते पुत्रं रोगनाशस्तथा भवेत् ।
सर्वताप प्रमुक्तश्च विष्णुलोकं स गच्छति ।। 15 ।।
।। इति ब्रह्मसंहितोक्तं श्रीगोपालाक्षयकवचं सम्पूर्णम् ।।
Gopal Kavach/गोपाल कवच विशेष:
गोपाल कवच के साथ-साथ यदि संतान गोपाल यंत्र की पूजा की जाए तो जाए तो, गोपाल कवच का बहुत लाभ मिलता है, यह कवच शीघ्र ही फल देने लग जाता है| श्री कृष्णा ब्रह्माण्ड कवच का पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| गोपाल सहस्त्रनाम के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए गोपाल सहस्त्रनाम पुस्तक को पढना चाहिए| संतान प्राप्ति के लिए संतान गोपाल पूजा करनी चाहिए और साथ ही संतान गोपाल कवच भी धारण करना चाहिए| घर में सुख, समृधि और शांति रखने के लिए लक्ष्मी नारायण कवच का पाठ करना चाहिए| अपने घर को समस्याओं और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए भैरव चालीसा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए| संतान प्राप्ति में अगर समस्या है तो संतान समस्या के लिए उपाय करने चाहिए| पित्र दोष और श्राप दूर करने के लिए पित्र दोष के लिए उपाय करने चाहिए|